गलत आंकड़ा पेश कर बिहार को अपमानित कर रही भाजपा : राजीव

गलत आंकड़ा पेश कर बिहार को अपमानित कर रही भाजपा : राजीव संवाददाता, पटनाजदयू के प्रवक्ता और दीघा विधानसभा क्षेत्र के जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगभग दस साल के शासन में बिजली के क्षेत्र में जबर्दस्त और आधारभूत सुधार हुआ है. बिजली को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2015 10:45 PM

गलत आंकड़ा पेश कर बिहार को अपमानित कर रही भाजपा : राजीव संवाददाता, पटनाजदयू के प्रवक्ता और दीघा विधानसभा क्षेत्र के जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगभग दस साल के शासन में बिजली के क्षेत्र में जबर्दस्त और आधारभूत सुधार हुआ है. बिजली को लेकर भाजपा के नेता बिहार को अपमानित करने के लिए झूठी आंकड़ेबाजी कर रहे हैं. बिहार में बिजली की सुधरी हुई स्थिति हर व्यक्ति महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि दस साल पहले बिहार में बिजली आपूर्ति का पूरा ढांचा काफी पुराना और जर्जर था. लाइनें क्षतिग्रस्त थीं और ट्रांसफार्मर कम शक्ति वाले, पुराने और खराब थे. वैसे में अगर बिजली उत्पादन पर राज्य सरकार फोकस करती तो उस मद में रुपये भी काफी खर्च होते और उत्पादित बिजली का सही ढंग से प्रदेश भर में वितरण नहीं हो पाता. ऐसे में राज्य सरकार ने अपना सारा फोकस वितरण व्यवस्था को अपग्रेड करने में लगाया. आठ हजार करोड़ से भी ज्यादा खर्च करके बिजली की लाइनों को ठीक कराया गया. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि ग्रिड सब स्टेशनों की संख्या 45 से 97 की गयी. पावर सब स्टेशन 268 से 628 किये गये. 33 केवीए की लाइनें 3754 किलो मीटर से बढ़ाकर 9283 किमी की गयी. इसी प्रकार 11 केवीए की लाइनें 12,248 किमी से बढ़ाकर 67,148 किमी की गयी. एलटी लाइनें 33,018 किमी से बढ़ाकर 1,36,600 किमी की गयी. लगभग 50 हजार ट्रांसफर्मर बदले गये. इस प्रकार, पूरे बिहार में बिजली वितरण की व्यवस्था को दुरूस्त किया गया. इसी के कारण, 2005 में जहां प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 70 किलोवॉट थी, वह अब बढ़कर 203 किलो वॉट हो गयी है. आज भले ही बाहर से खरीदकर बिजली लायी जा रही है, मगर गांवों–कस्बों में 16 से 18 घंटे और शहरों में 20 से 22 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना अगले दो सालों में हर घर में बिजली पहुंचा देने की है. जिन घरों में कनेक्शन नहीं है, वहां सरकार अपने खर्चे पर बिजली कनेक्शन लगाने वाली है.

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