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दादरी से सरकार का कोई लेना-देना नहीं : पीएम

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी खामोशी तोड़ते हुए बुधवार को दादरी हत्याकांड और पाक गजल गायक गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध किये जाने को अवांछित और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और साथ ही उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से हमारी सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष छद्म धर्मनिरपेक्षता […]

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी खामोशी तोड़ते हुए बुधवार को दादरी हत्याकांड और पाक गजल गायक गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध किये जाने को अवांछित और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और साथ ही उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से हमारी सरकार का कुछ लेना-देना नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष छद्म धर्मनिरपेक्षता और धुव्रीकरण की राजनीति कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर यह आरोप भी लगाया कि वह संप्रदायवाद का हौआ खड़ा कर अल्पसंख्यकों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर रहा है. प्रधानमंत्री ने ये बातें आनंद बाजार पत्रिका से बातचीत में कहीं. यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने दादरी की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जहां गौमांस खाने की अफवाहों पर एक व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. हालांकि, प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह पुरजोर अपील करते हुए कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों को एक दूसरे से नहीं, बल्कि गरीबी से लड़ना चाहिए.
उन्होंने सहिष्णुता और आपसी सम्मान जैसे मूल भारतीय मूल्यों को बनाये रखने के राष्ट्रपति के आह्वान का भी हवाला दिया था. प्रधानमंत्री ने दादरी घटना पर ‘चुप्पी’ के लिए विपक्ष की आलोचनाओं की जद में आने के बाद पिछले सप्ताह नवादा में एक चुनाव सभा में इस बारे में टिप्पणी की थी.
भाजपा की सहयोगी शिवसेना द्वारा मुंबई व पुणे में पिछले सप्ताह गुलाम अली के कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी देने के बाद गजल सम्राट के कार्यक्रम को रद्द किये जाने की घटना पर प्रधानमंत्री ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की.
ऐसी घटनाओं पर अपनी पार्टी के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, भाजपा ने कभी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं किया. विपक्ष ऐसे मुद्दे उठा कर भाजपा के खिलाफ संप्रदायवाद का हौआ खड़ा कर रहा है, लेकिन क्या हम खुद धुव्रीकरण की राजनीति नहीं कर रहे हैं ? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पहले भी इस प्रकार की बहस होती रही है. भाजपा ने हमेशा छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध किया है. अब फिर से दुर्भाग्यपूर्ण सामाजिक बेचैनी के बीच इस प्रकार की बहस हो रही है.
उन्होंने कहा, इस बहस को वार्ता और विचार-विमर्श के जरिये सुलझाया जा सकता है मोदी ने दावा किया कि वे पार्टियां जो इस प्रकार का दुष्प्रचार फैला रही हैं, वे अल्पसंख्यकों का विकास नहीं चाहती और उन्हें वोट बैंक के रूप में देखती हैं.

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