बीपीएससी : 56‌वें से 59वें पीटी के रिजल्ट का रास्ता साफ

पटना : बीपीएससी की 53वीं से 55वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के अंतिम रिजल्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीपीएससी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया. सुनील कुमार एवं अन्य बनाम बीपीएससी एवं अन्य के नाम से चल रहे इस मामले में जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस एनवी रमना के खंडपीठ ने हाइकोर्ट के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2015 7:58 AM

पटना : बीपीएससी की 53वीं से 55वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के अंतिम रिजल्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीपीएससी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया. सुनील कुमार एवं अन्य बनाम बीपीएससी एवं अन्य के नाम से चल रहे इस मामले में जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस एनवी रमना के खंडपीठ ने हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए बीपीएससी को कोई भी निर्देश नहीं दिया है. इससे इस परीक्षा के जरिये हुई नियुक्त पर संशय समाप्त हो गया है.

इसके साथ ही कोर्ट ने बीपीएससी की 56वीं से 59वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (पीटी) का रिजल्ट जारी करने पर लगी रोक भी हटा दी है. शीर्ष अदालन ने इस मामले में सात अक्तूबर को बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

56वीं से 59वीं पीटी का रिजल्ट कोर्ट के आदेश के कारण जारी नहीं किया गया जा रहा था. कोर्ट ने कह दिया था कि हमारी अनुमित या आदेश के बिना 56वीं से 59वीं की बहाली प्रक्रिया नहीं हो सकती. सुनवाई समाप्त होने के बाद बीपीएससी ने कोर्ट से इसका रिजल्ट जारी करने का अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि चिंता न करें, एक सप्ताह में फैसला आ जायेगा.

बैठक के बाद होगा रिजल्ट पर फैसला

बीपीएससी के सचिव राधामोहन प्रसाद ने कहा कि सूचना मिली है कि फैसला बीपीएससी के पक्ष में आया है. अभी हमें इसकी कॉपी नहीं मिली है. फैसला देखने के बाद बीपीएससी के बोर्ड की बैठक होगी. फिर 56वीं से 59वीं का रिजल्ट जारी करने को लेकर निर्णय लिया जायेगा.

यह था पूरा मामला

बीपीएससी की 48वीं से 52वीं संयुक्त परीक्षा में अधिकतर छात्र सिर्फ दो विषयों दर्शनशास्त्र एवं मानवशास्त्र से सफल हुए थे. इस वजह से अन्य विषयों के छात्रों ने बीपीएससी की मूल्यांकन प्रद्धति पर सवाल उठाते हुए पटना हाइकोर्ट में केस कर दिया. इस केस में हाइकोर्ट ने फैसला तो बीपीएससी के पक्ष में दिया, लेकिन साथ ही उसे आगामी परीक्षाओं में मूल्यांकन पद्धति में समरूपता लाने का निर्देश दिया.

53वीं से 55वीं का मामला उलट गया

53वीं से 55वीं परीक्षा में बीपीएससी नये स्केलिंग पैटर्न पर मूल्यांकन किया. इसमें अधिकतर इतिहास, हिंदी, भूगोल, श्रम एवं समाज कल्याण विषयों से छात्र सफल हुए. इसके बाद दर्शनशास्त्र, मानवशास्त्र एवं अन्य विषयों के छात्रों ने हाइकोर्ट में अलग-अलग केस किये. इससे संबंधित छह केसों की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने तीन जनवरी, 2014 को बीपीएससी के पक्ष में फैसला दिया. इस फैसले को छात्रों ने अप्रैल, 2014 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारीज कर दिया.

Next Article

Exit mobile version