खाना केवल पेट भरना नहीं, प्रोटीन भी जरूरी

खाना केवल पेट भरना नहीं, प्रोटीन भी जरूरीकृषि उत्पाद आयुक्त विजय प्रकाश ने बीएसपीसी के सेमिनार में कहा : फलैग संवाददाता, पटना खाना केवल पेट भरना नहीं है, प्रोटीन भी जरूरी है. फूड को गहराई से देखने व समझने की जरूरत है. केवल चावल-गेहूं से काम नहीं चलेगा. विटामिन पर भी ध्यान देना होगा. हमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2015 9:44 PM

खाना केवल पेट भरना नहीं, प्रोटीन भी जरूरीकृषि उत्पाद आयुक्त विजय प्रकाश ने बीएसपीसी के सेमिनार में कहा : फलैग संवाददाता, पटना खाना केवल पेट भरना नहीं है, प्रोटीन भी जरूरी है. फूड को गहराई से देखने व समझने की जरूरत है. केवल चावल-गेहूं से काम नहीं चलेगा. विटामिन पर भी ध्यान देना होगा. हमें यह देखने होगा कि कौन-सी चीज से प्रोटीन पूरा हो रहा है. ये बातें कृषि उत्पाद आयुक्त विजय प्रकाश ने शुक्रवार को बीआइए सभागार में कहीं. बिहार स्टेट प्रोडक्टिवटी काउंसिल व बीआइए की ओर से आयोजित सेमिनार का विषय कृषि व सामाजिक सुरक्षा : गरीबी उन्मूलन के अनुपूरक था. उन्होंने कहा कि फूड फेयर लगाना चाहिये, सीखाने की जरूरत है. एकांगी हो जाने से फूड की समस्या दूर नहीं होगी. बिहार में गरीबी को दूर करना है, तो एग्रीकल्चर पर ध्यान देना होगा. कॉपरेटिव मार्केट देंगे, तो किसान समृद्ध होंगे बिहार स्टेट प्रोडक्टिवटी काउंसिल के अध्यक्ष व पटना डेयरी प्रोजेक्ट के एमडी सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि जब कॉपरेटिव मार्केट बना कर देंगे, तो किसान समृद्ध होंगे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 58,000 करोड़ रुपये का खाद्यान्न भंडारण तकनीक के अभाव में हमारे देश में नष्ट हो रहे है. निदेशक प्रोग्राम एएम प्रसाद ने कहा कि नीतियां और कार्यान्वयन में कमी के कारण भूखमरी दूर नहीं हो पा रही है. भारत की स्थिति पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी बदतर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि सरकार की भूखमरी, गरीबी व कुपोषण के खिलाफ चलायी जा रही तमाम नीतियों व कार्यक्रमों के बाद भी देश में कुपोषण घटने के बजाये बढ़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य अनुसंधान संस्थान की ओर से वैश्विक भूख सूचकांक तैयार किया जाता है. जिसके अनुसार भारत खतरनाक भूख की श्रेणी में है. भारत की स्थिति पाकिस्तान व बांग्लादेश से भी बदतर है. वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. मौके पर एएन सिन्हा संस्थान के निदेशक डॉ सुनील रे, अर्थशास्त्री डॉ एनके चौधरी, नाबार्ड की प्रतिनिधि सोनिका राणा, मणि किशोर दास आदि मौजूद थे. संचालन मनोज कुमार सिन्हा ने किया.

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