हत्यारों ने पिता से मांगे थे 12 लाख

पटना : नवादा के काशीचक निवासी व इंटर के छात्र मनीष उर्फ छोटू की हत्या करने के दो घंटे बाद ही अपराधियों ने उसके व्यवसायी पिता विनोद कुमार से 12 लाख की फिरौती मांगी थी. यह खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने राजेश उर्फ दिलखुश की निशानदेही पर धीरज (मटोखर, शेखपुरा) व राकेश (मटोखर, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2015 6:32 AM
पटना : नवादा के काशीचक निवासी व इंटर के छात्र मनीष उर्फ छोटू की हत्या करने के दो घंटे बाद ही अपराधियों ने उसके व्यवसायी पिता विनोद कुमार से 12 लाख की फिरौती मांगी थी. यह खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने राजेश उर्फ दिलखुश की निशानदेही पर धीरज (मटोखर, शेखपुरा) व राकेश (मटोखर, शेखपुरा) को पकड़ा. इन लोगों के पास से मनीष का मोबाइल फोन भी मिला है. ये अपराधी उसी फोन का इस्तेमाल फिरौती के लिए कर रहे थे. हालांकि गिरोह का सरगना रोहित व संदीप फिलहाल फरार हैं. ये दोनों भी शेखपुरा के ही हैं.
रोहित ने राजेश के कहने पर पूरी साजिश रची थी. एसएसपी विकास वैभव ने बताया कि बाकी दोनों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. इस मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत जल्द-से-जल्द सजा दिलवायी जायेगी. उन्होंने बताया कि डीएनए टेस्ट भी कराया जायेगा.
सिर पर हमले से ही हो गयी थी मौत
पूछताछ में राजेश ने बताया कि बहादुरपुर लॉज में रहनेवाले मनीष उर्फ छोटू को लॉज से बुलाया और नगीना मार्केट में ले गया. वह मनीष को वहां छोड़ कर चला गया था. कमरे में पहले से ही राकेश, धीरज, संदीप मौजूद थे. वहां शराब का दौर चला. हालांकि छोटू ने शराब पीने से इनकार कर दिया था. छोटू को अंदर से कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई और वहां से वह निकलना चाहा, लेकिन उन लोगों ने जाने नहीं दिया. इस बात को लेकर जब विवाद हुआ, तो उन लोगों ने छोटू के सिर पर तेज धारदार हथियार से प्रहार किया. इससे उसकी मौत हो गयी.
यह सारा वाकया शाम को हुआ और फिर उसके दो घंटे के बाद ही फिरौती की रकम अपराधियों ने मांगी. घटना को अंजाम देने के बाद राकेश, धीरज व संदीप ने मिल कर शव का टुकड़ा किया और उसे पॉलीथिन में रख कर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं ले जा पाये. तब शव को वहां छोड़ कर सब फरार हो गये.
राजेश पहले दिन भी पकड़ाया, पर छूट गया
छात्र मनीष के 12 अक्तूबर को गायब होने के बाद और फिरौती की रकम की जानकारी मिलने के बाद पुलिस को उसके बड़े भाई ज्योतिष ने सूचना दी थी और राजेश पर बुला कर ले जाने का आरोप लगाया था. पुलिस ने उसे पकड़ा भी था, लेकिन फिर उसे छोड़ दिया था.
इसके बाद 14 अक्तूबर को शव की बरामदगी होने के बाद बहादुरपुर से गायब छात्र से तार जुड़ने लगे तो पुलिस ने फिर से राजेश उर्फ दिलखुश को पकड़ा. इस तरह मामले का खुलासा कर दिया गया. यदि उसी समय राजेश से कड़ाई से पूछताछ होती, तो संभवत: उसी दिन शव बरामद हो जाता.
काशीचक हत्याकांड में भी हो सकता हाथ : जिस तरह से मनीष हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. इससे पटना पुलिस को आशंका है कि बीते दिनों नवादा में एक बच्चे की हत्या और फिरौती की रकम वसूलने के मामले में भी ये सब शामिल हो सकते हैं. इस संबंध में नवादा पुलिस से भी पटना पुलिस ने संपर्क किया है.
ऐयाशी की आदत ने बनाया हत्यारा
पकड़े गये अपराधियों से पुलिस को जानकारी मिली है कि शराब व शबाब की आदत ने इन लोगों को खूंखार हत्यारा बना दिया, जो पैसों की खातिर कुछ भी कर सकते थे. मालूम हो कि मृतक छात्र के पिता विनाेद प्रसाद की काशीचक में दो दुकानें हैं और आमदनी भी ठीक-ठाक है, इसे देखकर ही दिलखुश ने गिरोह के सरगना राेहित को छात्र के विषय में जानकारी दी थी.

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