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भाजपा वाले 23 साल पुरानी चिट्ठी लिये बैठे हैं : विजय कुमार चौधरी

जदयू ने कहा. हम भविष्य की योजना की बात करते हैं पटना : जल संसाधन सह सूचना व जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एनडीए कुनबे पर राजनीतिक रूप से परेशान होने का आरोप लगाया है. जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल जहां चुनाव प्रचार में लगे हैं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2015 6:34 AM
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जदयू ने कहा. हम भविष्य की योजना की बात करते हैं
पटना : जल संसाधन सह सूचना व जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एनडीए कुनबे पर राजनीतिक रूप से परेशान होने का आरोप लगाया है. जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दल जहां चुनाव प्रचार में लगे हैं, वहीं भाजपा मंत्रणा कर रही है.
बिहार के लोगों के मूड का पता दो चरणों के चुनाव में एनडीए को लग चुका है. भाजपा को इसका अहसास हो चुका है कि उनके पांव उखड़ चुके हैं और बिहार की की जनता ने नकार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा में इससे हड़कंप है और वे प्रधानंमत्री के कार्यक्रम में उहापोह में है. वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि प्रधानमंत्री को कितना दिखाएं.
एनडीए की जो नाव डूब रही है उसमें प्रधानमंत्री को सवारी बनाया जाये या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आये या नहीं, उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा है. पीएम की धुआंदार मीटिंग के बाद क्या परिणाम निकल रहा है वे खुद जानते हैं और प्रधानमंत्री तो खुद यह सोच रहे हैं कि वे बिहार आये या नहीं. विजय चौधरी ने कहा कि पहले चरण के मतदान में महागंठबंधन के पक्ष में जो बुनियाद पड़ी थी वह दूसरे चरण में पुष्ट हो गयी है.
दो चरणों के 81 सीटों में भी दो तिहाई सीटों पर महागंठबंधन को जीत मिल रही है. मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि भाजपा 1992 के चिट्ठी को छपवाया है. उसके 23 साल हो चुके हैं. हम लोग जहां अगले पांच साल की योजना पर बात कर रहे हैं और वे 23 साल पुरानी चिट्ठी को लिये बैठे हैं. भाजपा के लिए अच्छा होता कि जो दो-ढाई साल पहले सुशील मोदी समेत अन्य भाजपा नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते थे उसे छपवाएं. प्रेस कांफ्रेंस में जदयू के प्रदेश महासचिव डा. नवीन आर्य भी मौजूद थे.
हार के ठीकरे से पीएम को बचाना चाहती है भाजपा
शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि भाजपा अब मंथन कर रही है कि बिहार विधानसभा चुनाव में हार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को झुलसने से कैसे बचाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बात करते हैं कि विकास पर चुनाव हो, लेकिन उनकी पार्टी अब 1992 के पत्र को ला रही है. बिहार में राजनीति व सोच का नजरिया बदल गया है. लोकसभा चुनाव में जनता को लोकसुभावन वादे और झांसे में लाकर सत्ता प्राप्त किया, लेकिन लोग अब उसे पूरी तरह समझ रहे हैं.

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