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जख्मी गार्ड पैदल पहुंचा थाना
कैसी लापरवाही. बॉडीगार्ड को छोड़ एएसपी चले गये थे पीएमसीएच पटना : खून से लथपथ बॉडीगार्ड सुरेश कुमार ने फायरिंग करते हुए अपराधियों को दूर तक खदेड़ता रहा और इधर फुलवारीशरीफ एएसपी राकेश कुमार अपना इलाज कराने पीएमसीएच पहुंच गये. उनका चालक जसबीर इलाज कराने के लिए उन्हें लेकर चला गया. यह भी नहीं देखा […]
कैसी लापरवाही. बॉडीगार्ड को छोड़ एएसपी चले गये थे पीएमसीएच
पटना : खून से लथपथ बॉडीगार्ड सुरेश कुमार ने फायरिंग करते हुए अपराधियों को दूर तक खदेड़ता रहा और इधर फुलवारीशरीफ एएसपी राकेश कुमार अपना इलाज कराने पीएमसीएच पहुंच गये.
उनका चालक जसबीर इलाज कराने के लिए उन्हें लेकर चला गया. यह भी नहीं देखा कि घायल बॉडीगार्ड सुरेश अभी अपराधियों के ही पीछे हैं. वहीं अपराधियों के भागने पर बॉडीगार्ड किसी तरह से अपने पेट से बह रहे खून को हाथ से रोक कर पैदल ही कोतवाली थाना पहुंचा. वहां के पुलिसकर्मी आनन-फानन में जिप्सी से बॉडीगार्ड को पीएमसीएच पहुंचाया. इस दौरान उसका काफी खून बह चुका था. शनिवार को बॉडीगार्ड की स्थिति में काफी सुधार हुआ और घटना के संबंध में पुलिस अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की, तो यह बात सामने आयी. उन्हें दो दिनों में आइसीयू से वार्ड में स्थानांतरित किये जाने की संभावना है. सूत्रों की मानें तो घटना के दिन ही एएसपी को पिस्टल मिली थी.
एक अपराधी को सुरेश ने पकड़ा, तब तक गोली लग गयी
पूछताछ में सुरेश ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि आठ अक्तूबर की देर रात एएसपी राकेश कुमार के साथ वह पुलिस लाइन जा रहा था. इसी बीच एक संदेहास्पद बाइक पर सवार दो युवकों को देख कर एएसपी ने उन लोगों को पटना संग्रहालय के पास रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे दोनों आगे निकल गये और फिर से वापस लौट कर संग्रहालय से कुछ दूरी पर स्थित कमला उत्सव हॉल के पास पहुंचे. पुलिस चालक जसबीर ने अपनी गाड़ी उनके सामने रोक दी.
एएसपी के उतरे ही उन पर अपराधियों ने फायरिंग की. इतने में ही पिस्टल लेकर सुरेश उतरा और एक अपराधी को पकड़ लिया. लेकिन उसने गोली चला दी, जो उसके पेट में लगी. गोली मारने के बाद वे लोग वहां से आर्ट कॉलेज की ओर भागे. लेकिन, सुरेश भी खून से लथपथ स्थिति में ही उन लोगों के पीछे दौड़ा. इस दौरान उसने पल्सर से भाग रहे अपराधियों पर चार राउंड फायरिंग भी की.
बॉडीगार्ड पहले भी मुठभेड़ में रहा है शामिल
बॉडी गार्ड सुरेश कुमार पहले भी कुख्यात अपराधियों से हुई पुलिस मुठभेड़ में शामिल रहा है. इसके कारण उसने अपने आप को संभाल लिया और मुठभेड़ से लेकर पीएमसीएच पहुंचने तक उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. मोकामा के लदमा में अगस्त 2004 में अनंत सिंह के गुर्गों के साथ हुई मुठभेड़ में भी वह शामिल रहा था और इस दौरान सात अपराधी मार गिराये गये थे. इस मुठभेड़ में एक एसटीएफ का कमांडो भी शहीद हुआ था.
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