प्रदुषण मुक्त हो त्योहार हमारा
प्रदुषण मुक्त हो त्योहार हमारास्टूडेंट्स ऑक्सीजन मूवमेंट की ओर से परिचर्चा का आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटना स्टूडेंट्स ऑक्सीजन मूवमेंट की ओर से रविवार को कृष्णा अपार्टमेंट में बच्चों के लिए परिचर्चा का अायोजन किया गया. इसका मुख्य विषय प्रदूषण मुक्त हो हमारा त्याेहार रखा गया. इस मौके पर विभिन्न स्कूल कॉलेजों के छात्र–छात्राओं ने अपने विचार […]
प्रदुषण मुक्त हो त्योहार हमारास्टूडेंट्स ऑक्सीजन मूवमेंट की ओर से परिचर्चा का आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटना स्टूडेंट्स ऑक्सीजन मूवमेंट की ओर से रविवार को कृष्णा अपार्टमेंट में बच्चों के लिए परिचर्चा का अायोजन किया गया. इसका मुख्य विषय प्रदूषण मुक्त हो हमारा त्याेहार रखा गया. इस मौके पर विभिन्न स्कूल कॉलेजों के छात्र–छात्राओं ने अपने विचार रखे.बच्चों ने कहा कि भारतीय समाज अपने त्योहारों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. भारत को त्योहारों एवं अपनी परपंराओं में पूरे विश्व में सबसे धनी देश माना जाता है. अनेक प्रकार के त्योहार यहां मनाये जाते हैं, जिनका अलग–अलग महत्व है. परंतु आज के समय में त्योहारों की वास्तविकता बदल चुकी है. पहले हम त्योहारों के पीछे की सच्चाई को जानते हुए तथा उनके महत्व को समझते हुए पूरे परिवार के साथ मिलकर त्योहार मनाते थे, परंतु आज हम त्योहारों के महत्व को दरकिनार कर केवल शो–बाजी करने में लगे हुए हैं. बच्चों ने कहा कि त्योहार भर साफ-सफाई होती है, फिर चारों तरफ कचरा नजर आता है. इसकी जिम्मेवारी न तो आम नागरिक लेते हैं और न ही प्रशासन. विसर्जन के बाद नदियों और तालाबों की हालत और भी बदतर हो जाती है. उपवास के नौ दिन हमें अपनी जड़ बुद्धि एवं सृष्टि के श्रोत को जानने तथा उसमें अपने महत्व को तलाशने की जरूरत होती है. परंतु वर्तमान काल में शक्ति पूजन के नाम पर जो आज प्रदर्शित किया जा रहा है, वह इसका सही रूप नहीं है. आकर्षक एवं महंगे पंडाल, जनता से जबरन चंदा वसूली, फूहड़ संगीत, शोरगुल एवं फैशन, ऐश्वर्य का प्रदर्शन, डांडिया रास के नाम पर अश्लीलता व्याप्त हो चुकी है. फैशन के इस दौर में शोरगुल एवं मेले को ही लोग नवरात्र समझने लगे हैं.