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BJP ने पिछड़े वर्ग के सीएम और पीएम भी दिया : शाह

पटना : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सोमवार को पटना में पहली बार प्रेस काॅन्फ्रेंस कर दो चरणों में 81 सीटों पर हुए चुनाव में 54 से 58 सीटों पर जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि दलित-महादलित, पिछड़े-अति पिछड़े सहित आम लोग बिहार में जंगलराज […]

पटना : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सोमवार को पटना में पहली बार प्रेस काॅन्फ्रेंस कर दो चरणों में 81 सीटों पर हुए चुनाव में 54 से 58 सीटों पर जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि दलित-महादलित, पिछड़े-अति पिछड़े सहित आम लोग बिहार में जंगलराज टू नहीं चाहते हैं.
पहले दोनों चरणों में युवाओं और महिलाओं के बढ़े वोटिंग प्रतिशत को एनडीए के पक्ष में होने का दावा करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में राज्य में एनडीए की सरकार बनेगी. आरक्षण, महंगाई, बीफ, प्रधानमंत्री की रैली समेत अन्य मुद्दों पर खुल कर उन्होंने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि हम विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं और आगे भी इसी मुद्दे पर हमारी चुनाव कैंपेनिंग होगी. शाह ने कहा कि दो चरणों के मतदान के बाद बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं और एनडीए के नेताओं से जो फीडबैक मिला है, उसके अनुसार पहले चरण में 32-34 और दूसरे चरण में 22-24 सीटों पर हम जीतेंगे. युवा, महिला, किसान, गरीब, पिछड़ा-अति पिछड़ा, दलित-महादलित सभी का रुझान भाजपा और एनडीए के पक्ष में है. वे हमारे लिए मतदान कर रहे हैं और यही हमारी जीत का कारण बनेगा.
गंगा पर ही बनेगा पुल
उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं, दलित-महादलितों, पिछड़े-अति पिछड़ों में विकास की भूख है. वे परिवर्तन चाहते हैं. बिहार पैकेज की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 1.65 लाख करोड़ का जो पैकेज दिया है, उसका अच्छा रिसपांस है. नीतीश कुमार द्वारा पैकेज को री-पैकेजिंग बताने पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर उनको लगता है कि री-पैकेजिंग है, तो उन्होंने इतने दिनों तक काम क्यों नहीं किया? जवाब उनको देना है. बिहार में पुल तो गंगा नदी पर ही बनेगा, टापू पर तो नहीं बनेगा.
बीमारू को बनायेंगे विकसित
उन्होंने कहा कि बिहार विकास के कई मामलों में पिछड़ा हुआ है और भाजपा बिहार को विकास के रेस में लाकर बिहार को बीमारू से विकसित राज्य बनाने में कृतसंकल्पित है. प्रधानमंत्री ने पहले ही साफ कह दिया है कि पूर्वी हिस्से के विकास के बिना भारत का विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग से बिहार को जो राज्यांश मिलनेवाला है, वह पहले की तुलना में दो लाख करोड़ अधिक है. खदानों की नीलामी से राज्यों को सिर्फ राॅयल्टी ही नहीं, पैसा भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि देश में जो भाजपा शासित राज्य हैं, वे सभी विकास की ओर अग्रसर हैं.
झारखंड 29वें पायदान से तीसरे नंबर में आ गया, जबकि बिहार 27वें स्थान पर ही रह गया. उन्होंने कहा कि जदयू-राजद के नेताओं ने शुरू से ही कांग्रेस के विरोध की राजनीति की, गैर कांग्रेसवाद को अपनी थ्योरी बनाया, लेकिन सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ हो लिये. उन्होंने बिहार की चर्चा करते हुए कहा कि दवाई, कमाई व पढ़ाई सबके लिए बिहार के लोगों को बाहर जाना पड़ता है. यहां के लोग पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक बिहार पर महागंठबंधन ने ही शासन किया है. हम बिहार की जनता से अपील करते हैं कि बिहार की खोई गरिमा को वापस लाने और विकास के लिए एक मौका भाजपा को दें.
अब पीएम की होंगी 22 सभाएं
प्रधानमंत्री की सभा की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री की रैली स्थगित नहीं हुई है, बल्कि नवरात्रि को लेकर तिथि आगे बढ़ायी गयी है. बड़े नेताओं की रैली तभी होती है, जब प्रचार कार्य चरम पर होता है. पहले प्रधानमंत्री की 20 रैलियां होनी थीं, लेकिन अब 22 होंगी. गोमांस के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह हमारा मुद्दा नहीं है. हमने तो बस गाय और बकरे के मांस को एक बताने पर उस मुद्दे पर अपना दुख जताया है.
हमारी सरकार रिमोटवाली नहीं होगी
दाल की महंगाई पर अमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले पर छह बार पत्र लिखा गया, लेकिन राज्य सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. मुख्यमंत्री के सवाल पर कहा कि चुनाव के तुरंत बाद विधायक दल की बैठक होगी और उसमें नेता चुन लिया जायेगा. हमारी सरकार रिमोट से चलनेवाली सरकार नहीं होगी. आरएसएस के सवाल पर कहा कि वह अपना काम करता है और हम अपना काम करते हैं. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, केंद्रीय मंत्री व भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी अनंत कुमार, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार और पू्र्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह मौजूद थे.
प्रेम कुमार के मायने
भाजपा अध्यक्ष के प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री प्रेम कुमार की उपस्थिति और अमित शाह की बगल में उनके बैठने के राजनीतिक निहितार्थ खोजे जा रहे हैं.
सबका विकास, सबका साथ
अमित शाह ने कहा कि भाजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वर्तमाण आरक्षण व्यवस्था के हम पक्षधर हैं. हम अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति नहीं करते हैं. हम ‘सबका विकास, सबका साथ’ चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में अनर्गल मुद्दों को उठाया जा रहा है. यह 1990 नहीं, 2015 का बिहार है.
जो लोग पिछड़ों की बात करते हैं, वही पिछड़ों का शोषण करते हैं. हमने तो पिछड़ा प्रधानमंत्री दिया और सबसे अधिक पिछड़े मुख्यमंत्री भी दिये हैं. विकास के लिए आवश्यक है कि राज्य में भी केंद्र को सहयोग करनेवाली सरकार बने. साहित्यकारों द्वारा पुरस्कार लौटाने पर उन्होंने कहा कि जिस घटना को लेकर वे लोग पुरस्कार लौटा रहे हैं, उनमें एक घटना यूपी और एक कर्नाटक की है. कानून-व्यवस्था राज्य का मामला है. एक में कांग्रेस का और एक में सपा का शासन है.

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