हर पंडाल के पास जमी रही भीड़

हर पंडाल के पास जमी रही भीड़लाइफ रिपोर्टर पटना मां दुर्गा की मूर्ति आखिरकार अपने असली रूप में आ गयी है. मंगलवार शहर के सभी मूर्तियों का पट खुल चुका था. ऐसे में लोगों ने मूर्ति पूजा करते हुए पंडाल का जायजा ले रहे थे कोई मूर्ति को निहार रहा था, तो कोई उसकी सजावट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 6:34 PM

हर पंडाल के पास जमी रही भीड़लाइफ रिपोर्टर पटना मां दुर्गा की मूर्ति आखिरकार अपने असली रूप में आ गयी है. मंगलवार शहर के सभी मूर्तियों का पट खुल चुका था. ऐसे में लोगों ने मूर्ति पूजा करते हुए पंडाल का जायजा ले रहे थे कोई मूर्ति को निहार रहा था, तो कोई उसकी सजावट को. एक तरफ लोग आस्था में लीन थे, तो दूसरी तरफ लोगों की मस्ती रूक नहीं रही थी. इसलिए कई लोग पंडाल और मूर्ति के पास फोटो सेशन करा रहे थे. दशहरा के अवसर पर मंगलवार के दिन शहर में कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिला. यहां अष्टमी के दिन तमाम मूर्तियों का पट खुल चुका था. इसलिए सुबह से ही हर जगह लोगों की लाइन लगी रही. पंडालों में कई महिलाएं सज-धज कर पूजा में करते हुए मन्नत मांग रही थी. इस मौके पर हर जगह दुर्गा पूजा की भक्ति गीत सुनने को मिली, जिसे सुन लोगों में भक्ति की भावना झलक रही थी. सभी पंडालों में महिलाओं की अधिक संख्या थी, जो पारंपरिक परिधान में सज-धज कर दुर्गा मां और कलश की पूजा करने में लीन थी. यहां मंत्रोच्चारण और डंके की गूंज के साथ-साथ आरती और प्रसाद वितरण का भी आयोजन किया गया था. कुछ पंडालों में नौ-दुर्गा का रूप भी देखने को मिला, जिसे पूजा करने के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई थी.मूर्ति से ज्यादा पंडाल पर टीकी थी नजरदुर्गापूजा के अवसर में शहर में कई तरह की पंडाल बनी हुई है. सभी पंडालों में कोलकाता, महाराष्ट्र के अलावा लोकल मंदिरों के रंग-रूप में पंडाल तैयार है. इसलिए यहां आये कई लोग मूर्ति से ज्यादा पंडाल की ओर देख रहे थे. पूजा करने के दौरान लोगों ने पंडाल को गौर से देखत हुए उसे अपने कैमरे में कैद भी किया. इस बीच कई तरह के आकर्षक डेकोरेशन भी देखने को मिली, जिसे बंगाल और महाराष्ट्र के अलावा पटना के लोकल कलाकारों ने बनाया है. कदमकुआं में साउथ की मंदिर के पास लोगों की लाइन लगी हुई थी. यहां लोग पूजा करने के अलावा मेले का भी लुत्फ उठा रहे थे. वहीं वयवस्थापकों ने बताया कि दर्शक और भक्त साथ-साथ आते हैं, जिसमें भक्त जन पूजा करते है और दर्शक एंज्वाय करते हुए मेले का मजा ले रहे थे. वैसे, तो सभी कुछ न कुछ खास देखने को मिल रहा है, लेकिन आनंदपुरी, गोविंद मित्रा रोड, गर्दनीबाग, डाकबंगला, बंगाली अखाड़ा, कदम कुआं, राजा बजार, बोरिंग रोड, मछुआ टोली, जैसे कई जगहों पर कुछ विशेष देखने को मिला. झांकियों से सजा है शहर दशहरा के मौके पर शहर में न सिर्फ मूर्ति और पंडाल बनी हुई है बल्कि हर जगह मनमोहक झांकिया भी बनाई गयी है, जिसे देखने के लिए लोग खुद ब खुद ठहर जा रहे हैं. कहीं गावं की झांकी, तो कहीं देवताओं की कहानी, तो कही दानव का खेल भी जबरदस्त दिखाया गया है. यहां हनुमान नगर के पास देव और दानवों की युद्ध दिखायी जा रही है, तो गोविंद मित्रा रोड में जलेबी बेचते हुए और जलेबी खाते हुए लोग झांकी नजर आ रहे हैं. यहां गांव का दृश्य भी देखने को मिला. इसके अलावा बंगाली अखाड़ा के पास गांव की लड़की पानी भर रही है. ऐसे कई तरह की कहानी झांकियों में देखने को मिल रही है, जिसे लोग अपने कैमरे में कैद करने में जरा भी देरी नहीं करते. गोविंद मित्रा रोड में ऐसी झांकियों को देखते हुए सांभवी कहती हैं कि मुझे दुर्गापूजा बहुत पसंद है. क्योंकि इस त्योहार में कई तरह की मूर्ति और तरह-तरह की झांकियां देखने को मिलती है, जो हर किसी को पसंद आ रही है. इन झांकियों के बारे में कलाकारों का कहना है कि मूर्ति के अलावा इस तरह की झांकी आकर्षक का केंद्र रहता हैै, जो लोगों के बीच मनोरंजन का काम करता है.सेल्फी और फोटो सेशन का बना हबदुर्गापूजा में सेल्फी खिंचने वाले लोगों के लिए एक हब बन गया है. इसलिए कई लोग पंडाल के पास अपना सेल्फी लेना नहीं भूल रहे हैं. यह नजारा लगभग सभी पंडालों और मूर्तियों के पास देखने को मिला. यहां कई लोग पूजा शुरू करने से पहले ही सेल्फी के पोज में आ जा रहे थे. ऐसे में ज्यादातर लोग अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के अलावा सिंगल शेल्फी भी बनाया. इस बारे में चुड़ी मार्केट के पास सेल्फी बनाती हुई अंकिता कहती हैं कि मैं हर दुर्गापूजा की मेमोरी को पास में रखती हूं. अब स्मार्ट फोन और सेल्फी का जमाना है. इसलिए लोग सेल्फी लेते हैं, ताकि अपने दोस्तों को व्हाट्स एप या फेसबुक पर भेजा जा सके. वहीं कई लोग आरती और पूजा में शामिल होने वाली भी तस्वीर भी खिंचवाते खुश नजर आये. बंगाली अखाड़ा के पास अमित कुमार अपनी फैमिली के साथ फोटो सेशन कराते हुए कहते हैं कि मुझे ऐसे जगहों पर फोटो कराना अच्छा लगता है. क्योंकि ऐसा मौका बार-बार नहीं आता .एक से बढ़ कर एक पंडालशहर में कई पंडालों को देख ऐसा लग रहा हैै, जैसे हम पटना नहीं बल्कि साउथ, दिल्ली, बंगाल जैसे कई शहरो में आ चुके हैं. क्योंकि पटना में पंडाल कुछ इसी अंदाज में बनाया गया है, जो न सिर्फ आकर्षित है बल्कि इसे देख दूर की मंदिर या को पैलेस देखने का मौका मिल रहा है. ऐसे में बोरिंग रोड की लाल किला, गर्दनीबाग में मैसूर पैलेस और लंदन ब्रीज लोगों के बीच खास है. साथ ही एस के पुरी के पास पटना हाई कोर्ट आनंदपुरी छाता वाला पंडाल जैसे अन्य जगहों का पंडाल भई लोगों अपनी ओर बुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इन पंडालों के पास की रौनक एलइडी लाइट से जगमगा रही है, जिसे देखने के लिए बच्चों से लेकर बड़ों तक में पूरी उत्सुकता देखने को मिली. इसलिए इन जगहों में सप्तमी, अष्टमी और नवमी को लोगों की लाइन लगी हुई है. यहां महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग-अलग लाइन लगी हुई है, ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो.मेला में हो रही मस्तीदशहरा का मेला हर किसी के लिए खास होता है. तीन दिन के इस मेले में लोग अपने-अपने अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं. कोई मेला घूमता है, तो कोई घर में कार्यक्रम आयोजित करता है, लेकिन मेला घूमने की उत्सुकता बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है. इसलिए मेले में चाट, समोसे. गुपचुप, चौमीन, लिट्टी-चोखा, भेलपुरी, छोला जैसे कई आइटम की बिक्री बढ़ गयी है. क्योंकि कई लोग मेला घूमने के दौरान इन चीजों का भी मजा ले रहे हैं. साथ ही सड़क किनारे कई तरह की खिलौने भी बेचे जा रहे हैं, बच्चों को खरीदने पर मजबूर कर रहा है. डाकबंगला चौराहा के पास बच्चों के साथ मेले घूमने आयी पलख और अंकिता कहती हैं कि जब बच्चों को मेला कुछ खरीदाओ या खिलाओ नहीं उनका घूमना पूरा नहीं होता है. इसलिए हर जगह भीड़ बढ़ते जा रही है. बड़े लोगों के साथ बच्चे भी मेला का मजा ले रहे हैं.

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