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मेरे पद छोड़ने के बाद कोई टिक नहीं रहा:लालू

पटना : राजद सुप्रीमो और संप्रग-1 सरकार के कार्यकाल के दौरान रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद ने आज कहा कि जबसे उन्होंने रेल मंत्री का पद छोडा है, कोई वहां टिक नहीं पा रहा है. यहां आज संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने अपने चित परिचित अंदाज में कहा, ‘‘हमने जबसे रेल मंत्री का पद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

पटना : राजद सुप्रीमो और संप्रग-1 सरकार के कार्यकाल के दौरान रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद ने आज कहा कि जबसे उन्होंने रेल मंत्री का पद छोडा है, कोई वहां टिक नहीं पा रहा है.

यहां आज संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने अपने चित परिचित अंदाज में कहा, ‘‘हमने जबसे रेल मंत्री का पद छोडा है, कोई वहां टिक नहीं पा रहा है और मंत्रालय ‘डिरेल्ड’ हो गया है.’’हालांकि, लालू ने कहा, ‘‘अगर उन्हें अब रेल मंत्री बनाया जाएगा तो वे इस पद को स्वीकार नहीं करेंगे. लेकिन उनके रेल मंत्री पद को छोडने के बाद रेल इंजन किसी को उक्त पद के लिए स्वीकार नहीं कर पा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब वे रेल मंत्री थे तो रेल भवन में विश्वकर्मा और कृष्ण भगवान की मूर्ति रखते थे और उनसे कह रखा था कि रेल की देखभाल की जिम्मेदारी आप पर है.’’ भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री की इस्तीफे की मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने भाजपा की उक्त मांग को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा अपना घर नहीं देखती और दूसरे पर आरोप लगाती है.

लालू ने दावा किया, ‘‘भाजपा के पास कोई एजेंडा नहीं है और इसी वजह से उसे कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में उसे मुंह की खानी पडी.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘यदि येदियुरप्पा को भाजपा ने निकाला नहीं होता कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में उसकी स्थिति इतनी बुरी नहीं होती.’’गुजरात मॉडल को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर लालू ने कहा कि गुजरात पहले से एक विकसित प्रदेश रहा है. इसमें नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं है. लालू ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने वहां बोहरा समुदाय के लोगों की हत्या कराई और उनकी संपत्तियों को जलाया.’’

नीतीश सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार और अराजकता का वातावरण होने का आरोप लगाते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने आरोप लगाया, ‘‘नीतीश अपनी विफलता को छिपाने के लिए शुतुरमुर्ग की तरह चाल बदलते रहते हैं.’’ नीतीश के बिहार मॉडल को खारिज करते हुए लालू ने कहा कि भारत निर्माण के कम्पोनेंट को अगर अलग कर दिया जाए तो राजग शासनकाल के दौरान बिहार ने अपने बलबूते क्या किया है. लालू ने दावा किया कि आगामी 15 मई को राजद द्वारा पटना में आयोजित रैली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई और आरएसएस के राजग के जरिए दिल्ली की गद्दी पर बैठने के सपने को पूरा नहीं होने की दिशा में निर्णायक होगी. उन्होंने कहा कि इस रैली में आगे की रणनीति तय की जाएगी.राजद की रैली को लेकर नीतीश पर तिलमिलाए होने का आरोप लगाते हुए राजद सुप्रीमो ने कहा कि रैली के आयोजन के मकसद बारे में यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि वह अपने पुत्र को राजनीति के क्षेत्र में उतारने के लिए इसका आयोजन कर रहे हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने नीतीश पर अपने पुत्र को लेकर घटिया बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह बताये कि उनके बेटा का क्या स्तर (स्टेटस) है, वह क्या कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे उनका पुत्र हो या पार्टी के अन्य नेताओं के पुत्र, पुत्री एवं पत्नी लालटेन नहीं उठाएंगे तो क्या उनका तीर :जदयू का चुनाव: और भाजपा का कमल हाथ में थामेंगे.’’ जदयू के प्रवक्ताओं के बारे में लालू ने सत्ता से बेदखल होने के डर से उनके बौखलाये होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजद की यह परिवर्तन रैली उनके घरों में लगी आग पर पानी डालेगा.

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