छोटे और मध्यम शहरों में टैक्स की गड़बड़ी सबसे ज्यादा

छोटे और मध्यम शहरों में टैक्स की गड़बड़ी सबसे ज्यादा- इनकम टैक्स विभाग ने श्रेणी-बी एवं सी के शहरों को टारगेट कर शुरू की कार्रवाई- इन शहरों में व्यवसाय के अलावा डॉक्टर और कोचिंग सेक्टर वाले टैक्स चोरी में सबसे आगे- पिछले 10-15 सालों में इन शहरों में व्यवसाय के अनुपात नहीं हुई आयकर संग्रह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 9:45 PM

छोटे और मध्यम शहरों में टैक्स की गड़बड़ी सबसे ज्यादा- इनकम टैक्स विभाग ने श्रेणी-बी एवं सी के शहरों को टारगेट कर शुरू की कार्रवाई- इन शहरों में व्यवसाय के अलावा डॉक्टर और कोचिंग सेक्टर वाले टैक्स चोरी में सबसे आगे- पिछले 10-15 सालों में इन शहरों में व्यवसाय के अनुपात नहीं हुई आयकर संग्रह में बढ़ोतरीसंवाददाता, पटनाराज्य में पिछले 10-15 सालों में कई छोटे और मध्यम श्रेणी के शहरों का विकास काफी तेजी से हुआ है. इनमें व्यवसाय के साथ-साथ अन्य सेक्टरों में भी काफी ग्रोथ हुआ है, लेकिन आर्थिक स्तर पर ग्रोथ के अनुपात में आयकर देने की रफ्तार नहीं बढ़ी है. व्यवसाय और कुछ सर्विस सेक्टर के लोगों का सालाना टर्न-ओवर कई गुणा बढ़ा है, लेकिन आयकर देने में इन्होंने महज कुछ हजार की ही बढ़ोतरी की है. इस वजह से इनकम टैक्स ने छोटे और मध्यम श्रेणी के शहरों में छापेमारी की रफ्तार बढ़ा दी है. हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर, नवादा, सीतामढ़ी समेत इस स्तर के अन्य शहरों में कई छापेमारी हुई है. इन छापेमारियों में इस तरह की कई बातों का खुलासा हुआ है. इसके मद्देनजर आयकर विभाग आने वाले समय में इन शहरों कार्रवाई तेज करने जा रहा है. छोटे शहरों में भी बढ़ी ब्लैक मनीछोटे और मध्यम शहरों में टैक्स चोरी या आय को कम करके टैक्स देने के मामले काफी बढ़े हैं. कमाई के बड़े हिस्से पर टैक्स नहीं देकर ये पैसे आयकर की जद में नहीं आते. इस तरह इन शहरों में ब्लैक मनी का संग्रह तेजी से बढ़ता जा रहा है. छोटे शहरों में कई व्यवसायियों का टर्न ओवर के मुताबिक इनका मुनाफा पिछले कुछ सालों में कई गुणा बढ़ गया है, लेकिन ये आयकर उस अनुपात में नहीं भर रहे हैं. 10-15 सालों में आयकर भरने में महज कुछ हजार की ही बढ़ोतरी की है. आयकर गड़बड़ी के सबसे ज्यादा मामले मेडिकल और कोचिंग सेक्टर में देखने को मिल रहे हैं. छोटे और मध्यम शहर में कई डॉक्टर कमाते करोड़ों में हैं, लेकिन टैक्स हजारों में या नहीं के बराबर देते हैं. इसी तरह मेडिकल सेक्टर में जांच, एक्स-रे समेत अन्य तरह के लोग भी आयकर नहीं देते हैं. मध्यम श्रेणी के शहरों में कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है. सबसे ज्यादा टैक्स में गड़बड़ी ये लोग ही करते हैं. सर्विस सेक्टर बिहार में ज्यादा बिहार में छोटे-बड़े उद्योगों की संख्या काफी कम है. ऐसे में सर्विस सेक्टर में ही सबसे ज्यादा लोगों का फोकस होता है. इसी सेक्टर में ग्रोथ भी सबसे ज्यादा हुआ है. इस सेक्टर से जुड़े लोगों की कमाई भी काफी बढ़ी है. परंतु राज्य में इस सेक्टर से टैक्स का कलेक्शन इसके ग्रोथ के अनुपात में नहीं हो रहा है.हाल में हुई इन पर छापेमारीपिछले कुछ महीनों के दौरान मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी में कुछ नामी डॉक्टरों के यहां आयकर की छापेमारी में करोड़ों की गड़बड़ी मिली थी. मुजफ्फरपुर के सूतापट्टी में 6-7 थोक कपड़ा व्यवसायियों के यहां भी करोड़ों की टैक्स चोरी के मामले सामने आये थे. इसी तरह नवादा में ज्वेलरी और फर्नीचर व्यवसायी से जांच में करोड़ों की टैक्स गड़बड़ी मिली है.

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