…और पलक झपकते ही जल गया रावण

…और पलक झपकते ही जल गया रावण गांधी मैदान में कतार लगा कर कराया प्रवेश, खत्म होने से पहले ही खोल दिये गये सभी गेटसंवाददाता, पटनाभगवान श्रीराम ने धनुष से वाण चलाया, आग लगी और पलक झपकते ही जल गया रावण. जी हां, गुरुवार को गांधी मैदान में हुए रावण वध समारोह में कुछ ऐसा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2015 9:38 PM

…और पलक झपकते ही जल गया रावण गांधी मैदान में कतार लगा कर कराया प्रवेश, खत्म होने से पहले ही खोल दिये गये सभी गेटसंवाददाता, पटनाभगवान श्रीराम ने धनुष से वाण चलाया, आग लगी और पलक झपकते ही जल गया रावण. जी हां, गुरुवार को गांधी मैदान में हुए रावण वध समारोह में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा. आग लगते ही रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले चंद सेकंड में ही जल गये और वे भर भरा कर जमीन पर गिर पड़े. पुतलों के जलने पर आसमान से जमीन तक आतिशबाजी खूब हुई. आसमान में फुलझड़ियों ने तो जमीन पर थ्री डी आतिशबाजी ने जबरदस्त समां बांधा.रावण के साथ ही मेघनाद व कुंभकरण के पुतले जलेसबसे पहले रावण के पुतले में आग लगायी गयी. उसके बाद मेघनाद व कुंभकरण के पुतले जले. सभी पुतलों को रिवॉल्विंग स्टेज पर रखा गया था, ताकि लोगों को देखने मेें परेशानी न हो. इस बार भी रावण 70 फुट के, जबकि मेघनाद व कुंभकरण के पुतले क्रमश: 65 व 60 फीट के बनाये गये थे.राज्यपाल ने श्रीराम और लक्ष्मण की उतारी आरतीइससे पहले भगवान श्रीराम व लक्ष्मण के साथ हनुमान जी व वानरों की सेना ने मैदान का चक्कर लगाया. वानरों के साथ आमलोग भी जय श्रीराम का नारा लगाते रहे. झांकी में सुग्रीव, अंगद, जामवंत, निषाद राज व विभीषण भी शामिल रहे. राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने आरती उतार कर राम-लक्ष्मण का स्वागत किया. उसके बाद हनुमान जी ने लंका में आग लगायी. धमाके के साथ सोने की लंका धू-धू कर जल उठी. थ्रीडी आतिशबाजी के लिए कोलकाता के कलाकारों को विशेष रूप से बुलाया गया था. इस दौरान दशहरा कमेटी ट्रस्ट से जुड़े तमाम लोग मौजूद रहे.पूरे कार्यक्रम में सतर्क रहे आयोजक व प्रशासनपिछले साल रावण वध के दौरान हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रशासन व आयोजक दोनों सतर्क नजर आये. समारोह देखने पहुंचे तमाम लोगों को गांधी मैदान के अंदर कतार लगा कर प्रवेश कराया गया. इसके कारण बाहर सड़क पर लंबी लाइन लग गयी थी. इस बार पिछले साल के मुकाबले थोड़ी कम भीड़ दिखी.खत्म होने से पहले ही खोल दिये गये सारे गेटइस बार समारोह खत्म होने से पहले ही गांधी मैदान के सारे गेट खोल दिये गये थे, ताकि भगदड़ की स्थिति न हो. हर गेट पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों व अधिकारियों की तैनाती भी कर रखी गयी थी. समारोह खत्म होने के वक्त गांधी मैदान के आसपास गाड़ियों का परिचालन भी रोक दिया गया था.

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