सैनिकों का अपमान और भाजपा में सम्मान : संजय

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने पूर्व मंत्री डाॅ भीम सिंह के भाजपा में शामिल होने पर चुटकी ली है. जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने सैनिकों का अपमान किया, उन्हें भाजपा में सम्मान मिल रहा है. अगस्त, 2013 शहीद सैनिक का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2015 6:04 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने पूर्व मंत्री डाॅ भीम सिंह के भाजपा में शामिल होने पर चुटकी ली है. जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने सैनिकों का अपमान किया, उन्हें भाजपा में सम्मान मिल रहा है.
अगस्त, 2013 शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर पटना लाया गया था. इस पर डाॅ भीम से पत्रकारों ने पूछा था कि एयरपोर्ट के नजदीक घर होते हुए भी वे क्यों नहीं गये तो उन्होंने सीधे जवाब दिया था कि सेना में लोग शहीद होने के लिए भी भर्ती होते हैं. लोकसभा चुनाव के समय भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने भीम सिंह को इस मामले पर निर्लज तक कह दिया था.
अब प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों व बिहार भाजपा नेता मिल कर भीम सिंह को भाजपा में शामिल करा लिया. सुशील मोदी ने भीम सिंह के कसीदे पढ़े, लेकिन स्व. कर्पूरी ठाकुर पर लिखी जिस किताब की चर्चा उन्होंने की, वह भीम सिंह ने खुद नहीं एक पत्रकार से लिखवायी है. मोदी ने जिस प्रकार से सभी जातियों का नाम लिया उससे साफ है कि चुनाव में उनकी हार सुनिश्चित है.
वोट देने के बाद अब गाली भी उत्तर भारतीयों को ही मिल रही है. जदयू के प्रदेश महासचिव डा. नवीन आर्य चंद्रवंशी ने कहा कि डाॅ भीम सिंह जदयू से चले गये बहुत अच्छा हुआ. उनके बयानों के कारण पार्टी और चंद्रवंशी समाज को जिल्लत झेलनी पड़ी थी. जदयू चंद्रवंशी समाज से भरा हुआ है और जदयू में चंद्रवंशी समाज की जान बसती है.
अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ, बाल श्रमिक आयोग, प्रदेश कार्यसमित में चंद्रवंशी समाज के लोग भरे हुए हैं. भीम सिंह जैसे कुछ लोग जो भगेड़ू हैं वे ही चले गये. इस मौके पर बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि भीम सिंह ने शुरू से ही लाभ की राजनीति की है. जदयू से वे मांझी खेमे में चले गये थे.
जब वहां उनकी बात नहीं बनी तो भाजपा की ओर उन्होंने रूख किया है. दो चरणों के चुनाव के बाद अब भाजपा हार देख रही है इसलिए अतिपिछड़ों को जुटाने में लगी हुई है.

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