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तहखाने में नकली शराब
खुलासा. वोटिंग के दिन शराब बेचने की थी तैयारी, दो पकड़ाये पटना : 28 अक्तूबर को पटना जिले में होनेवाले चुनाव के दिन बंदी होने के कारण बिक्री करने के लिए नकली शराब बनायी जा रही थी. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब उत्पाद विभाग की टीम ने स्टेशन गोलंबर के पास दूध मार्केट के […]
खुलासा. वोटिंग के दिन शराब बेचने की थी तैयारी, दो पकड़ाये
पटना : 28 अक्तूबर को पटना जिले में होनेवाले चुनाव के दिन बंदी होने के कारण बिक्री करने के लिए नकली शराब बनायी जा रही थी. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब उत्पाद विभाग की टीम ने स्टेशन गोलंबर के पास दूध मार्केट के पीछे बने एक तहखाने में छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने विकास कुमार व जगत कुमार को पकड़ लिया और करीब 200 बोतलें विदेशी शराब, केमिकल व खाली बोतलें बरामद की गयीं. ये दोनों करबिगहिया इलाके के रहनेवाले हैं. हालांकि गिरोह का सरगना उदय कुमार व अभिषेक कुमार निकल भागने में सफल रहे.
पुलिस ने तहखाने को सील कर दिया है. इस तहखाने में तीन माह पहले भी अवैध रूप से काफी मात्रा में नकली शराब की कई बोतलें बरामद की गयी थीं. खुद एसएसपी विकास वैभव ने इस छापेमारी का नेतृत्व किया था. सहायक उत्पाद आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि दो लोगों को पकड़ा गया है और गिरोह के सरगना को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है.
ग्राहक बन कर किया सत्यापन : शहर में मुहर्रम पर्व को लेकर शराब की बंदी थी और इसी बीच उत्पाद विभाग को जानकारी मिली कि अवैध रूप से शराब बेची जा रही है.
इस सूचना के बाद उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार के निर्देश पर मोबाइल इंस्पेक्टर आदित्य कुमार, सब इंस्पेक्टर अजीत कुमार की टीम व स्थानीय पुलिस ने पहले ग्राहक बन कर सत्यापन किया और फिर एक विकास को पकड़ लिया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. पुलिस के अनुसार आगे भी जांच होगी.
तहखाने में पकड़ाया जगत
विकास की निशानदेही पर पुलिस टीम तहखाने तक पहुंच गयी. वहां अवैध रूप से नकली शराब के निर्माण में लगे जगत को पकड़ लिया. हालांकि अन्य निकल भागने में सफल रहे. पूछताछ में इन लोगों ने टीम को बताया कि वे लोग हमेशा बंदी के दिन बड़ी मात्रा में शराब का निर्माण करते थे, क्योंकि वह आसानी से बिक जाती है. उन दोनों ने बताया कि 28 अक्टूबर को पटना में होने वाले चुनाव के दिन भी बंदी है और उस दिन शराब की बिक्री के लिए भी निर्माण किया जा रहा था.
लागत ~ 20 और बिक्री 800 में
सूत्रों के अनुसार पुलिस टीम ने स्टेशन गोलंबर से छापेमारी के दौरान केमिकल भी बरामद किया है. इसका इस्तेमाल शराब के फ्लेवर बनाने के लिए किया जाता था. स्प्रीट व केमिकल का उपयोग कर विदेशी शराब बनायी जाती है. एक बोतल विदेशी शराब बनाने में मात्र 20 से 30 रुपये खर्च आता है. वहीं ग्राहकों को 600 से 800 रुपये लिये जाते हैं. खास बात यह है कि रेट ब्रांड के अनुसार होता है और किसी-किसी की कीमत 800 रुपये से भी अधिक होती है.
स्टेशन के पास करते थे बिक्री
ये लोग दूध मार्केट में ही शराब बनाते थे और उसकी बिक्री स्टेशन गोलंबर के इर्द-गिर्द करते थे. हाल में इन लोगों ने करबिगहिया इलाके में अपना अड्डा बना लिया था. जक्कनपुर पुलिस ने दो लोगों को शुक्रवार को जेल भेजा था. इसके साथ ही कोतवाली पुलिस भी कई बार विक्रेताओं को जेल भेज चुकी है, पर धंधा बंद नहीं हुआ.
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