मध्याह्न भोजन से संबंधित 573 शिकायतें मिलीं, इनमें 67 सही
शिक्षा विभाग की समीक्षा में पाया गया कि कमांड एवं कंट्रोल रूम से प्राप्त शिकायतों में एनजीओ द्वारा आपूरित भोजन की भी शिकायत प्राप्त हो रही है.
संवाददाता, पटना शिक्षा विभाग की समीक्षा में पाया गया कि कमांड एवं कंट्रोल रूम से प्राप्त शिकायतों में एनजीओ द्वारा आपूरित भोजन की भी शिकायत प्राप्त हो रही है. इस संबंध में सभी कार्यरत स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गयी, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया कि प्राप्त शिकायतों के आलोक में आवश्यक सुधार करें. विद्यालयों में समय पर मेनू के अनुसार पोषणयुक्त भोजन की आपूर्ति करें. यदि इसमें कोई कमी पायी जाती है ,तो दोषी स्वयंसेवी संस्था के विरुद्ध आर्थिक दंड लगाने की कार्रवाई की जायेगी एवं आवश्यक सुधार नहीं किये जाने पर संस्था को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है. मध्याह्न भोजन के संचालन में किसी प्रकार की अनियमितता प्राप्त होने पर प्राथमिकता के आधार पर शिकायतों के निष्पादन के लिए त्वरित कार्रवाई की जा रही है.मध्याह्न भोजन से संबंधित जनशिकायत प्राप्त करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है.13 जून से 11 जुलाई तक विभाग के कमांड एवं कंट्रोल रूम से प्राप्त अबतक कुल 573 शिकायत प्राप्त हुए हैं. इनमें से जिलों द्वारा 470 शिकायतों की जांच की गयी. शिकायतों की जांच में कुल 67 शिकायतें सही पायी गयीं. इन शिकायतों की जांच में पाये गये दोषी कुल 28 प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई एवं 25 के विरुद्ध आर्थिक दंड की कार्रवाई जिला स्तर से की जा रही है. अब तक तीन जिलों यथा भागलपुर, नालंदा एवं वैशाली में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था से कुल 1.54,000 रुपये के आर्थिक दंड अधिरोपण की कार्रवाई की जा रही है. राज्य के लगभग 80.000 प्रारंभिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना संचालित है. भारत सरकार द्वारा पैमासिक समीक्षा बैठक के आधार पर 100 दिनों का लक्ष्य तय किया गया है .जिसमें शत-प्रतिशत विद्यालयों का एमडी एम रिपोर्टिंग और अधिकतम विद्यालयों में पोषण याटिका का निर्माण कराना है.
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