शरद पूर्णिमा पर रात भर बरसा अमृत
शरद पूर्णिमा पर रात भर बरसा अमृतफ्लैग मां लक्ष्मी के स्वागत और रात्रि जागरण के साथ मना कोजागरा आज करेंगे अमृत खीर का लाेग सेवन संवाददाता, पटनाराजधानी में सोमवार को महालक्ष्मी व कोजागरा की पूजा की गयी. आश्विन पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की पूजा की गयी. घर-घर महिलाएं मध्य रात्रि लक्ष्मी माता की पूजा कर […]
शरद पूर्णिमा पर रात भर बरसा अमृतफ्लैग मां लक्ष्मी के स्वागत और रात्रि जागरण के साथ मना कोजागरा आज करेंगे अमृत खीर का लाेग सेवन संवाददाता, पटनाराजधानी में सोमवार को महालक्ष्मी व कोजागरा की पूजा की गयी. आश्विन पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की पूजा की गयी. घर-घर महिलाएं मध्य रात्रि लक्ष्मी माता की पूजा कर भगवान को खीर का भोग लगाया. साथ ही खीर को खुले आसमान में रख दिया. खीर को खुले आसमान में रखने के पीछे कहा जाता है कि रात भर आकाश से अमृत की वर्षा होती है. इस खीर को लोग सुबह में प्रसाद के रूप में खायेंगे. वहीं रात्रि जागरण कर महिलाओं ने मां लक्ष्मी का स्वागत किया. पंडित मार्कण्डेय शारदे के अनुसार आश्विन पूर्णिमा को ही शरद पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन मिथिलांचल में कोजागरा पर्व के रूप में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इसे लेकर घरों की बुजुर्ग महिलाओं ने मां लक्ष्मी की पूजा मखाना और पान से की. नवविवाहित पुरुषों ने जहां पूजा-पाठ किया, वहीं बुजुर्ग महिलाओं ने उनका चुमावन किया. गौरतलब है कि शादी के पहले साल पुरुषों द्वारा पूजा करने का प्रावधान है. सोमवार को पूजा-पाठ के बाद लोगों को प्रसाद के रूप पान-मखान दिये गये. इसदिन लक्ष्मी, कुबेर व इंद्र तीनों भगवान की पूजा कर महिलाएं रात्रि जागरण कीं. शास्त्रों के अनुसार इस दिन रात्रि में मां लक्ष्मी घूमती है और देखती है कि कौन भ्रमण कर रहा है. उसे धन देती है. इस मान्यता को लेकर मां लक्ष्मी के स्वागत में महिलाओं ने जहां रात में जगी रहीं, वहीं मान्यता के अनुसार कौड़ी का खेल पचीसी को भी खेला. करवा चौथ 30 काे करवा चौथ शुक्रवार (30 अक्तूबर) को है. यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व सुहाग की लंबी अायु के लिए सुहागिनों की ओर से मनाया जाता है. इन दिन विवाहिताएं निर्जला उपवास रख चांद को देख पूजा करेंगी. इसके बाद उपवास तोड़ेंगी.