नीतीश-लालू की सरकार बनने पर नहीं आयेगा जंगलराज: शत्रुघ्न

नीतीश-लालू की सरकार बनने पर नहीं आयेगा जंगलराज: शत्रुघ्न संवाददाता पटना. पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की सरकार बनने के बाद जंगलराज पार्ट-2 नहीं आयेगा. बीजेपी को जंगलराज की बात करने के बदले मुद्दों पर बात करनी चाहिए, क्योंकि जंगलराज कहने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2015 12:35 AM

नीतीश-लालू की सरकार बनने पर नहीं आयेगा जंगलराज: शत्रुघ्न संवाददाता पटना. पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की सरकार बनने के बाद जंगलराज पार्ट-2 नहीं आयेगा. बीजेपी को जंगलराज की बात करने के बदले मुद्दों पर बात करनी चाहिए, क्योंकि जंगलराज कहने का मतलब नीतीश और लालू का साथ दे रहे लोगों को जंगली कहना भी है. उन्होंने कहा कि राजनीति में जंगलराज जैसी नकारात्मक बातों के बदले विकास की सकारात्मक बात करनी चाहिए. वह एक चैनल से बात कर रहे थे. बिहारी बाबू ने कहा कि महागंठबंधन बीजेपी और एनडीए के लिए एक महाचैलेंज था, जिसे महाअवसर में बदला जा सकता था. उन्होंने कहा कि मैं जब बिहार जाता हूं, तो कुछ लोकल लीडर्स में घबराहट होने लगती है. ये लोग मुझे रोकने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव में हार हुई, तो इसकी जिम्मेदारी बिहार के उन नेताओं की होगी, जिन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य के चुनाव में जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश का सारा कामकाज छुड़ा कर ये लोकल नेता उन्हें हर जगह ले जा रहे हैं, जिसकी वजह से ये लड़ाई प्रधानमंत्री और नीतीश के बीच की हो गयी है. उन्होंने माना कि हार के कारण नरेंद्र मोदी की इमेज पर भी थोड़ा असर पड़ सकता है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि इस समय नरेंद्र मोदी का वन मैन शो चल रहा है. यह ठीक भी है, क्योंकि हमने जनता से यही कह कर वोट मांगा था कि अबकी बार मोदी सरकार. जनता ने नरेंद्र मोदी सरकार को वोट दिया और देश की सरकार को इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नाम से ही जाना जाता है. सामूहिक नेतृत्व हमेशा बेहतर होता है. एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मैंने बिहार चुनाव के मसले पर प्रधानमंत्री से मिलने की कोशिश की थी और प्रधानमंत्री ने मिलने का भरोसा दिया था, लेकिन संसद में गतिरोध वगैरह के कारण वह मुलाकात नहीं हो सकी. अमित शाह से भी मुलाकात की कई कोशिश की और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने मीटिंग तय भी करा दी थी, लेकिन वह बैठक भी नहीं हो सकी. सीएम उम्मीदवार घोषित करने के सवाल पर कहा कि एनडीए को सीएम कैंडिडेट घोषित करना चाहिए था. बिहार महाराष्ट्र या हरियाणा नहीं है. एक राजनीतिक सजग राज्य है. यहां के लोगों को ये जानने का हक है कि सीएम कौन होगा. उन्होंने कहा कि एक सीएम कैंडिडेट होता तो नतीजे बेहतरीन होते.

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