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मेडिकल कोर्सों के प्रति विभाग की खुली नींद

मेडिकल कोर्सों के प्रति विभाग की खुली नींद – आठ मेडिकल कॉलेजों में 30 से अधिक कोर्स को एमसीआइ की मान्यता नहीं – प्रधान सचिव ने मान्यता दिलाने को लेकर प्राचार्यों के साथ की बैठक संवाददाता, पटना बिना एमसीआइ मान्यता के मेडिकल कॉलेजों में चलनेवाले कोर्सों को लेकर अचानक स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली है. […]

मेडिकल कोर्सों के प्रति विभाग की खुली नींद – आठ मेडिकल कॉलेजों में 30 से अधिक कोर्स को एमसीआइ की मान्यता नहीं – प्रधान सचिव ने मान्यता दिलाने को लेकर प्राचार्यों के साथ की बैठक संवाददाता, पटना बिना एमसीआइ मान्यता के मेडिकल कॉलेजों में चलनेवाले कोर्सों को लेकर अचानक स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली है. सभी आठ मेडिकल कॉलेजों में ऐसे 30 कोर्स चल रहे हैं. इसे लेकर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी प्राचार्यों के साथ बैठक की है और उनसे पूरी रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट में कोर्स को मान्यता दिलाने के लिए सरकार को क्या करना होगा, इसका पूरा ब्योरा होना चाहिए. यह काेर्सों वर्षों से इसी तरह से चल रहे और छात्र-छात्राओं का नामांकन भी होता है, लेकिन जब यह पास होकर काम खोजने निकलते हैं, तो इनकी डिग्री की बाहर में कोई मान्यता नहीं मिलती है. प्राइवेट सेक्टर में जगह, सरकारी में पूछ नहीं इन कोर्सों से छात्र प्राइवेट सेक्टर में अपना कैरियर तो बना सकते हैं, लेकिन सरकारी क्षेत्र में इन्हें अमान्य कोर्स की डिग्री से अनेकों असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है. पीएमसीएच के पूर्व प्राचार्य व कैप्टन एनपी यादव ने इसको लेकर संबंधित विभागाध्यक्षों के साथ बैठक भी की थी और सरकार को ब्योरा भी भेजा था, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ किया नहीं गया. पीएमसीएच में इन कोर्सों की मिली है मान्यता- तीन वर्षीय डिग्री प्रोग्राम : एमडी रेडियोथैरापी विभाग, 2 सीटें, 2009 से प्रवेश बंद- चेस्ट विभाग : डिप्लोमा इन टीबी प्रोग्राम, 12 सीटें – मेडिसिन विभाग : डीटीसीडी प्रोग्राम, 12 सीटें- नेत्र विभाग : डीओ प्रोग्राम, 12 सीटें – इएनटी विभाग : डीएलओ प्रोग्राम, 12 सीटें- माइक्रोबायोलॉजी विभाग : डी माइक्रोबायोलॉजी प्रोग्राम, 4 सीटें काेट इन कोर्सों को सरकार से मान्यता तो मिली है, लेकिन यह कोर्स तभी पूरी तरह से वैध नहीं होगा, जब तक एमसीआइ से उसे मान्यता नहीं मिलेगी. ऐसे में बिना एमसीआइ से मान्यता मिले छात्रों का भविष्य अधर में लटका रहेगा. एमसीआइ ही किसी मेडिकल कॉलेज के कोर्स की मान्यता, फैकल्टी व अन्य नियमों को निर्धारित करती है. प्रधान सचिव ने बैठक कर सभी बिंदुओं पर प्राचार्यों से चर्चा की है. – डॉ एसएन सिन्हा, पीएमसी प्राचार्य

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