लालू की संगत में बयानों को तोड़ने में नीतीश ने मास्टरी की : सुशील मोदी
नरेंद्र मोदी को धकिया कर निकालनेवाले राहुल गांधी के बयान पर नीतीश कुमार चुप्पी क्यों साध जाते हैं पटना : नरेंद्र मोदी को धकियाकर निकालने वाले राहुल गांधी के बयान पर वे चुप्पी साध जाते हैं. लालू प्रसाद की संगत में नीतीश कुमार तथ्य को मरोड़ने और झूठ बोलने की कला में ‘क्रैश–कोर्स’ पूरा कर […]
नरेंद्र मोदी को धकिया कर निकालनेवाले राहुल गांधी के बयान पर नीतीश कुमार चुप्पी क्यों साध जाते हैं
पटना : नरेंद्र मोदी को धकियाकर निकालने वाले राहुल गांधी के बयान पर वे चुप्पी साध जाते हैं. लालू प्रसाद की संगत में नीतीश कुमार तथ्य को मरोड़ने और झूठ बोलने की कला में ‘क्रैश–कोर्स’ पूरा कर इसके मास्टर बन गये हैं.
संघ–प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की बात की, लालू–नीतीश ने समीक्षा का अर्थ समझाया आरक्षण–उन्मूलन! लालू ने खुद कहा कि उनकी जुबान पर शैतान आ गया था, लेकिन दोनों भाई आरोप लगाने लगे कि पीएम ने उन्हें शैतान कहा. गोमांस खाने की तरफदारी लालू ने की, पर नीतीश कुमार सांप्रदायिकता का आरोप भाजपा पर मढ़ने लगे.
लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए गुरुवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विदेशों में जमा कालाधन का एक अनुमान लगाने के लिए जो बात कही गयी, उसे भाजपा का वादा बताने के लिए नीतीश थेथरोलाजी पर उतर आये. नीतीश कुमार ने जब फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ के एक गाने की पैरोडी का पाठ कर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा, तब प्रधानमंत्री ने कहा कि महास्वार्थबंधन में तीन दल हैं और मुशायरे में उन्हें थ्री इडियट्स वाली बात ही क्यों याद आयी? नीतीश कुमार ने पीएम के बयान को तोड़–मरोड़कर पेश किया. प्रधानमंत्री ने तो उन्हें सिर्फ यह सलाह दी कि कविता पढ़ने का अभ्यास ठीक से कर लें, ताकि आठ नवंबर को मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यह कला उनके काम आयेगी.
मुख्यमंत्री आवास में भोज रद्द कर अतिथियों का अपमान करने को लेकर जब प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार की अशिष्टता को राजनीतिक डीएनए में गड़बड़ी कहा, तब वे इस टिप्पणी को अतिथियों का आदर करने वाले पूरे बिहार पर ही थोपने में लग गये.
भारतीय नागरिक को देश के हर प्रदेश में समान रूप से राजनीतिक–सामाजिक–आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा बनने का अधिकार है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संविधान की इस व्यवस्था की अवहेलना कर प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को बाहरी कहना शुरू किया. दूसरी तरफ इटली मूल की सोनिया गांधी उन्हें भीतरी मालूम पड़ती हैं. लालू की भाषा उनको संत–वाणी लगती है.
वे प्रधानमंत्री को शालीनता का उपदेश देते हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी को धकियाकर निकालने वाले राहुल गांधी के बयान पर वे चुप्पी साध जाते हैं.