राष्ट्रीय आवष्किार अभियान का मांगा गया एक्शन प्लान

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान का मांगा गया एक्शन प्लानलाइफ रिपोर्टर, पटनाराष्ट्रीय आविष्कार अभियान का एक्शन प्लान यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी से जल्द मांगा है. हालांकि अब इस प्लान का नाम बदलकर ‘एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय अविष्कार अभियान रखा है. लेकिन, इस अभियान का असर बिहार के किसी भी यूनिवर्सिटी में नहीं है. यूनिवर्सिटी की सुस्ती को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2015 8:08 PM

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान का मांगा गया एक्शन प्लानलाइफ रिपोर्टर, पटनाराष्ट्रीय आविष्कार अभियान का एक्शन प्लान यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी से जल्द मांगा है. हालांकि अब इस प्लान का नाम बदलकर ‘एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय अविष्कार अभियान रखा है. लेकिन, इस अभियान का असर बिहार के किसी भी यूनिवर्सिटी में नहीं है. यूनिवर्सिटी की सुस्ती को देखते हुए यूजीसी ने देश के सभी यूनिवर्सिटी को पत्र जारी कर इस अभियान का एक्शन प्लान जल्द भेजने को कहा है. एक्शन प्लान यूजीसी के जारी किये गये इमेल आइडी ugc.raa@gmail.com पर भेजना है. यूजीसी ने कहा है कि स्टूडेंट्स में साइंस और मैथ के लिए उत्सुकता, सृजनता एवं प्रेम की भावना बढ़ाने के लिए यह अभियान लाया गया है. यूजीसी ने कहा है कि सभी यूनिवर्सिटी में जो एक्शन डिपार्टमेंट स्तर पर तैयार किये गये हैं, इनका प्रोग्रेस रिपोर्ट और जो पहले तय हुई है इसका एक्शन रिपोर्ट भी यूजीसी मांगी है. यूजीसी एक्शन प्लान के अनुसार ही आगे की तैयारी करेगा. क्योंकि सरकारी स्कूलों के बच्चों को विज्ञान के प्रति प्रोत्साहित करने का काम यूनिवर्सिटी के साथ अन्य हायर एजुकेशन संस्थान को मिला है. स्टूडेंट्स विज्ञान की तरफ हो आकर्षितअभियान की शुरुआत नौ जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने शुरूआत की थी. अभियान का खास मकसद स्टूडेंट्स को क्लास से बाहर साइंस को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास है. है. ताकि छात्राओं में वैज्ञानिक बनने की भावना पैदा हो. स्टूडेंट्स को प्रेरित करने के लिए एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय अविष्कार अभियान का दूसरा चरण 2016 से शुरू होगा. इसमें पूर्वोत्तर राज्यों के सभी जिलों में मॉडल विज्ञान प्रयोगशालाये खोली जायेगी. इसके तहत सरकारी स्कूलों को आइआइटी, आइआइएम, आइआइएसइआर और अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी तथा अन्य प्रख्यात संगठनों द्वारा नवाचार कार्यक्रमों स्टूडेंट्स का आदान-प्रदान, प्रदर्शनी, स्टूडेंट्स का भ्रमण आदि के कार्यक्रम होंगे. ताकि स्टूडेंट्स विज्ञान और गणित को सीखने के लिए छात्रों में स्वभाविक उत्सुकता का विकास हो सकें.

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