मगही लोकगीतों पर झूमें दर्शक
मगही लोकगीतों पर झूमें दर्शकशुक्र गुलजार में पंडित कपिलेश्वर शर्मा ने प्रस्तुत किया गायनभारतीय नृत्य कला मंदिर में हुआ आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटनाचुनर में दाग कहां से लागल, हे मइया भारती, तू हमरो दुलार हो, जन-जन के मन-मन में नेह दी वार दे जैसे निर्गुण के साथ सरस्वती वंदना की अनोखी प्रस्तुति और सामने झूमते दर्शक. […]
मगही लोकगीतों पर झूमें दर्शकशुक्र गुलजार में पंडित कपिलेश्वर शर्मा ने प्रस्तुत किया गायनभारतीय नृत्य कला मंदिर में हुआ आयोजनलाइफ रिपोर्टर पटनाचुनर में दाग कहां से लागल, हे मइया भारती, तू हमरो दुलार हो, जन-जन के मन-मन में नेह दी वार दे जैसे निर्गुण के साथ सरस्वती वंदना की अनोखी प्रस्तुति और सामने झूमते दर्शक. लोक संगीत के रस में डूबने का यह नजारा देखने को मिला भारतीय नृत्य कला मंदिर में जहां मगही लोकगीत गायक पंडित कपिलेश्वर शर्मा ने एक से बढ़कर एक लोगगीतों का बखूबी गायन किया.लोक भजन की भी दी प्रस्तुतिअपने गायन में पंडित शर्मा ने दाता एक राम भिखारी सारी दुनियाद, मोहनवा तोरा बन मनवा ना लागे, हरे कदम रोवे तीरे हो, कन्हैया जी बिसरे जमुनवां नीर हो जैसे भजनों को सुना कर पूरे माहौल को भक्तिमय कर दिया. अपने गायन में पंडित शर्मा ने लोक भजन, गोदना गीत, निर्गुण, पूर्वी के गीतों को गाया. पिछले पचास सालों से देश भर में अपनी प्रस्तुति दे चुके पंडिम शर्मा का साथ नीलम श्रीवास्तव ने दिया. वहीं हारमोनियम पर पंडित शर्मा के अलावा नाल पर नंद किशोर प्रसाद, तबला पर श्याम कुमार शर्मा, आर्गन पर सुरेश प्रसाद, इफेक्ट पर गोपाल जी, राम कुमार सिंह व धर्मवीर तिवारी थे. इस मौके पर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सुलभ, कला समिति के संयोजक विश्वमोहन चौधरी, राष्ट्रीय महिला सेना की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुधा सिंह राठौर समेत कई अन्य लोग और बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे.