नगर आयुक्त साहब! क्या 2016 की छठ के लिए टेंडर निकाल रहे हैं?
दो दिनों में काम पूरा करने साक्षात विश्वकर्मा भगवान को आना पड़ेगा पटना : क्या आपको पता है कि पटना का नगर निगम आपके लिए दो दिनों में 59 छठ घाट बनवा देगा. आपको भले ही इस पर विश्वास नहीं हो, लेकिन नगर आयुक्त ने पूरी तरह से ठोक बजा कर यही रिपोर्ट अपने वरीय […]
दो दिनों में काम पूरा करने साक्षात विश्वकर्मा भगवान को आना पड़ेगा
पटना : क्या आपको पता है कि पटना का नगर निगम आपके लिए दो दिनों में 59 छठ घाट बनवा देगा. आपको भले ही इस पर विश्वास नहीं हो, लेकिन नगर आयुक्त ने पूरी तरह से ठोक बजा कर यही रिपोर्ट अपने वरीय पदाधिकारियों को दी है.
दरअसल शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने छठ की तैयारियों को लेकर कमिश्नरी में बैठक बुलायी थी. छठ घाटों की तैयारी पर जब नगर आयुक्त जय सिंह से रिपोर्ट मांगी गयी, तो उन्होंने बताया कि 10 नवंबर को छठ घाटों का टेंडर निकाला जायेगा. इसके बाद आनंद किशोर ने जय सिंह से पूछा कि नगर आयुक्त साहब, क्या आपने 2016 के छठ पर्व को लेकर यह टेंडर निकालने जा रहे हैं? यदि ऐसा है, तब तो आप बहुत जल्दी कर रहे हैं. इतना पहले इसकी क्या आवश्यकता है. मैं 2015 के छठ पर्व के बारे में पूछ रहा हूं, जो 16-17 नवंबर को मनाया जायेगा. इसके लिए क्या तैयारी है? नगर आयुक्त ने इस सवाल पर जवाब दिया कि टेंडर के बाद हम तुरंत कार्यादेश निकालेंगे.
लचर कार्यशैली की पराकाष्ठा
आनंद किशोर ने कहा कि यह तो लचर कार्यशैली की पराकाष्ठा है. आप 10 को टेंडर निकालेंगे, 12 को कार्यादेश होगा, 14 को काम शुरू होगा और दो दिनों में आप 59 घाट बना देंगे. ऐसा तो मानव कर ही नहीं सकता है, साक्षात विश्वकर्मा भगवान को आना पड़ेगा. आपकी यह सोच तो हजारों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ के समान है, जबकि आपकाे पता है कि चार आदमी यदि घाट पर गिरेंगे, तो 100 लोग दब जायेंगे.
उन्होंने आयुक्त को निर्देश दिया कि तीन दिनों में बगैर टेंडर की औपचारिकता के काम शुरू कराइए. उन्होंने नगर आयुक्त के साथ प्रधान सचिव को चिट्ठी लिख कर कहा है कि जल्द घाटों का निर्माण हो.
बुडको का हाल भी खराब है. उसे कुल 29 छठ के घाट बनवाना है. बुडको के पदाधिकारी ने बैठक में कमिश्नर को बताया कि टेंडर निकाल दिया है, लेकिन कार्यादेश नहीं हो सका है. अब सुनने की बारी बुडको के अधिकारियों की थी, कमिश्नर ने उन्हें कहा कि जो हालात है, उससे केवल निराशा ही झलक रही है. आप कब तक घाट बनवायेंगे? यह स्थिति रही तो फिर कैसे कह सकते हैं कि हम सारी व्यवस्था कर लेंगे. दो दिनों में काम शुरू करें. घाट बेहतर होने चाहिए.