जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता जरूरी

पटना : बिहार राज्य बार काउंसिल ने हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की बहाली में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया है. तीन नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी है. बिहार बार काउंसिल तीन नवंबर से पहले अपनी राय सुप्रीम कोर्ट को भेज देगा. शनिवार को पटना उच्च न्यायालय के ब्रज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 7:51 AM
पटना : बिहार राज्य बार काउंसिल ने हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की बहाली में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया है. तीन नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी है. बिहार बार काउंसिल तीन नवंबर से पहले अपनी राय सुप्रीम कोर्ट को भेज देगा.
शनिवार को पटना उच्च न्यायालय के ब्रज किशोर मेमोरियल सभागार में काॅलेजियम सिस्टम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं की एक राय थी कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया जो भी अपनायी जाये, लेकिन उसमें पारदर्शिता जरूरी है.
वकीलों ने कहा कि यह सबको जानना चाहिए कि कौन जज बन रहा है. यह काम चोरी चुपके नहीं होनी चाहिए. सेमिनार में वरीय अधिवक्ता और संविधान विशेषज्ञ विनोद कुमार कंठ, योगेश चंद्र वर्मा, सूरज नारायण प्रसाद सिन्हा, अभिनव श्रीवास्तव, सोनी श्रीवास्तव और युवा अधिवक्ता प्रियंका सिंह ने हिस्सा लिया. संविधान विशेषज्ञ विनोद कुमार कंठ ने कहा कि जजों की बहाली में पारदर्शिता सबसे आवश्यक है.
सुप्रीम कोर्ट ने जो व्यवस्था दी है, उस पर वह कोई सवाल उठाना नहीं चाहते, लेकिन कोर्ट ने आम राय बनाने की भी बात कही है,जो बेहद जरूरी है. वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि राजनीतिक तौर पर नियुक्ति होने से फैसला प्रभावित होने से कोई रोक नहीं सकता.

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