मिशन बिहार : वोट के लिए नाप दिया जमीन-आसमान
करीब दो महीनेकी चुनावी गहमागहमी मंगलवार को थम गयी. विकास के एजेंडे से शुरू हुआ चुनाव प्रचार नेताओं के निजी आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बना. बयानों के तीर दागे जाते रहे.पहली बार बिहार के चुनाव में सोशल मीडिया का इस्तेमाल और प्रचार के अलग व आक्रामक तरीके दिखे. हवाई उड़ान के मामले में चुनाव प्रचार काफी […]
करीब दो महीनेकी चुनावी गहमागहमी मंगलवार को थम गयी. विकास के एजेंडे से शुरू हुआ चुनाव प्रचार नेताओं के निजी आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बना. बयानों के तीर दागे जाते रहे.पहली बार बिहार के चुनाव में सोशल मीडिया का इस्तेमाल और प्रचार के अलग व आक्रामक तरीके दिखे. हवाई उड़ान के मामले में चुनाव प्रचार काफी खर्चीला साबित हुआ. वाम दलों को छोड़ कर सभी पार्टियों ने हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली. पहली बार चुनाव में पीएम ने 26 चुनावी सभाएं कीं. अब लोग अगली सरकार की संभावनाओं पर अटकल लगा रहे हैं.
जदयू
नीतीश ने नापे 15 हजार किमी की दूरी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू-राजद-कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे. उन्होंने पांचों चरण में कुल 230 सभाएं कीं. 218 सभाएं जहां हेलीकॉप्टर से, वहीं 12 सभाएं सड़क मार्ग से. 38 दिनों के अपने प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री ने 12,000-15000 किमी की दूरी तक की. हर दिन उन्होंने हेलीकॉप्टर के जरिये 300-400 किलोमीटर दूरी तय कर पांच से आठ सभाएं की.
उन्होंने प्रचार अभियान की विधिवत शुरु आत 26 सितंबर को कल्याणपुर क्षेत्र से की. मंगलवार को उनकी अंतिम सभा कुशेश्वरस्थान क्षेत्र में हुई. उन्होंने सिर्फ दशहरा के दिन रेस्ट लिया. बीच में तबीयत बिगड़ी, तो दवा लेकर चुनाव प्रचार जारी रखा. हालांकि वह सभी क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाये. महुआ, राघोपुर, दीघा समेत करीब 10 क्षेत्रों में दो या दो से अधिक सभाएं की. मधेपुरा में तीन दिनों तक कैंप भी किया.
भाजपा
प्रचार के लिए 24 जिलों में पहुंचे पीएम
भाजपा ने अपने अध्यक्ष अमित शाह के मिशन 185 को पूरा करने के लिए पूरे सूबे में 850 चुनावी सभाएं की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल के आधे सदस्य बिहार में पसीना बहाते रहे.
अकेले प्रधानमंत्री की 26 सभाएं हुई. प्रधानमंत्री व अमित शाह के बाद प्रचार में सबसे अधिक मांग सुशील मोदी की रही. भाजपा के स्टार प्रचारकों के अलावे कई दिग्गजों ने आसमान के लेकर जमीन तक को प्रचार अभियान में नापा. भाजपा की स्थापना के बाद यह पहला चुनाव रहा जिसके प्रचार अभियान से लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी सरीखे दिग्गज दूर रहे. हालांकि स्टार प्रचारकों में वे शामिल थे.
सांसद शत्रुघ्न सिन्हा दूर-दूर रह. प्रचार अभियान 27 सितंबर से शुरु हुआ और तीन अक्तूबर तक चला. 850 सभाओं के अलावे कार्यकर्ता सम्मेलन, बुद्धिजीवी सम्मेलन, व्यापारी सम्मेलन, रोड शो भी हुआ. चुनाव के पहले पीएम की मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और सहरसा में परिवर्तन रैली हुई थी. अनंत कुमार, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, रामकृपाल यादव, रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी, राधामोहन सिंह समेत कई अन्य नेताओं ने भी धुंआधार प्रचार किया. रामलाल, नागेंद्र जी. सौदान सिंह ने चुनाव प्रबंधन की भी कमान संभाली.
राजद
लालू ने 33 दिनों में की 251 सभाएं
विधानसभा चुनाव को महागंठबंधन के पक्ष में करने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपनी पूरी ताकत झोंकी. शुरू में औसतन छह से आठ चुनावी सभा करने वाले लालू प्रसाद ने 25 अक्तूबर को सबसे अधिक दस चुनावी सभाओं को संबोधित किया. उस दिन उन्होंने सारण, वैशाली व पटना जिला में चुनावी सभाएं कर वोट मांगे.
इस चुनाव में उन्होंने कुल 33 दिनों तक चुनाव प्रचार किया. हर दिन उन्होंने हेलिकॉप्टर से करीब 350 किलोमीटर की हवाई यात्र की. 33 दिनों के चुनाव प्रचार में उन्होंने करीब 11550 किलोमीटर की यात्रएं की.
लालू प्रसाद की चुनावी सभा की खासियत रही कि पूरे प्रचार के दौरान उन्होंने चार चुनावी सभा राघोपुर क्षेत्र में की. यहां से उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव महागंठबंधन के प्रत्याशी हैं उन्होंने तीन चुनावी सभा बड़े बेटे तेजप्रताप के लिए की. तेजप्रताप महुआ विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी हैं. लालू ने तीन-तीन सभाएं बखरी व तेघड़ा में की.
कांग्रेस
सोनिया की चार, तो राहुल की 12 सभाएं
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुल चार सभाएं कीं, जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बारह चुनावी सभा की. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने पहले सड़क मार्ग से काफी चुनावी सभा की. बाद में हेलिकॉप्टर से उन्होंने रोजाना तीन से चार सभाएं कीं.
कांग्रेस अध्यक्ष की चुनावी सभा तीन अक्तूबर को कहलगांव व वजीरगंज में हुई. इसके बाद 17 अक्तूबर को उनकी सभा बक्सर व मांझी में हुई. इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सात अक्तूबर को अपनी चुनावी सभा शुरूआत की थी़ सात अक्तूबर को वे बछवाड़ा,बरबीघा व चेनारी में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगे. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने लगभग 70 चुनावी सभाएं की. गुलाम नबी आजाद ने 60, राजबब्बर ने 70, फिल्म अभिनेत्री नगमा ने 40 और सुबोध कांत सहाय ने 30 चुनावी सभाएं कीं.
लोजपा
लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान ने अपनी पार्टी के साथ-साथ एनडीए के प्रत्याशियों के लिए धुंआधार सभाओं को संबोधित किया. दशहरा में सिर्फ एक दिन उन्होंने आराम किया.
तीन अक्तूबर से उन्होंने चुनावी सभाओं को संबोधित करने का दौर शुरू किया था. तीन नवंबर तक कुल 143 जनसभाओं को हेलीकॉप्टर से संबोधित किया. पासवान ने एक दिन में सबसे अधिक छह सभाओं तक को संबोधित किया है, जबकि सबसे कम 25 अक्तूबर को हाजीपुर में सिर्फ एक सभा को संबोधित किया.
पासवान की मांग सिर्फ अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए ही नहीं बल्कि एनडीए गंठबंधन के प्रत्याशियों में भी सबसे अधिक थी. यही वजह थी कि वे लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभा को संबोधित किया. कल्याणपुर और राजापाकर को छोड़ बहुत कम ही विधानसभा क्षेत्र थे, जहां पासवान ने दो बार से अधिक दौरा किया.
जन अधिकार पार्टी
अंतिम दिन 18 सभा
जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक व सांसद पप्पू यादव ने कुल 290 चुनावी सभाएं व करीब 16800 किलोमीटर की हवाई यात्रएं की. 24 अक्तूबर से उन्होंने प्रतिदिन 17-18 चुनावी सभाएं की. प्रचार के अंतिम दिन 18 सभाए हुईं.ं पप्पू यादव ने सपा के लिए चार व एनसीपी के लिए दो सभाएं की.
समाजवादी पार्टी
तीन क्षेत्रों में मुलायम
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने भभुआ, जाले व फुलपरास में चुनावी सभाएं कीं. वहीं यूपी के सीएम अखिलेश सिंह यादव ने करगहर, औरंगाबाद, गोह, इस्लामपुर व फतुहा में कुल पांच सभाएं कीं. सांसद सह बिहार प्रभारी किरणमय नंदा सहित यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने चुनावी सभाएं कीं.
रालोसपा
36 दिनों तक दौरा 40 क्षेत्रों में दो-दो बार
केंद्रीय मंत्री व रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने चुनाव में 36 दिनों तक धुंआधार जनसभाओं को संबोधित किया. इसके बीच उन्होंने सिर्फ दो दिन ही आराम किया. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कुल 184 चुनाव सभाओं को संबोधित किया. उपेंद्र कुशवाहा ने 40 विधानसभा सीटों पर दो बार सभाओं को संबोधित किया.
उन्होंने अपने दल के अलावा भाजपा, लोजपा और हम प्रत्याशियों के पक्ष में भी वोट मांगे. करीब एक दर्जन सभाओं में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहे. उनका ज्यादातर चुनावी दौरा हेलीकॉप्टर से हुआ. वैसे, वह अपने संसदीय क्षेत्र काराकाट में सड़क मार्ग से भी घूमे. रालोसपा के दूसरे स्टार प्रचारक रहे प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अरुण कुमार.
हम
33 दिनों में मांझी की 162 चुनावी सभाएं
पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने 33 दिनों में कुल 162 चुनावी सभाओं को संबोधित किया. चुनाव प्रचार में उन्होंने करीब 10,000 किमी की दूरी तय की. हर दिन उन्होंने 300-350 किलो मीटर की दूरी तय की. मांझी ने अपने चुनावी अभियान की शुरु आत 27-28 सितंबर से की और तीन नवंबर को पांचवें चरण के लिए अंतिम सभाएं की.
इस चुनाव में उनकी पार्टी 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. खुद जीतन राम मांझी अपनी सीटिंग सीट मखदुमपुर के साथ-साथ इमामगंज से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री की सभाओं में भी शिकरत की. गया समेत कई क्षेत्रों में उन्होंने कैंप भी किया. उन्होंने भाजपा, लोजपा और रालोसपा नेताओं के साथ अलग-अलग भी सभाएं की.