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महागंठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं : मांझी

महागंठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं : मांझीघर बैठना, खेती करना, किताब लिखना है मंजूर, लेकिन महागंठबंधन के नहीं पड़ेंगे पल्लेलोगों को अपनी बोथड़इ से जलील करने का काम करते हैं लालूसंवाददाता, पटनापूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि महागंठबंधन के साथ जाने का […]

महागंठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं : मांझीघर बैठना, खेती करना, किताब लिखना है मंजूर, लेकिन महागंठबंधन के नहीं पड़ेंगे पल्लेलोगों को अपनी बोथड़इ से जलील करने का काम करते हैं लालूसंवाददाता, पटनापूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोरचा सेकुलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि महागंठबंधन के साथ जाने का सवाल ही नहीं है. सामाजिक बदलाव का, विकास का उनमें सेंस रहता तो बात होती, लेकिन उन लोगों की एक ही मंशा है कि कुरसी कैसे पायी जाये? समझौता का कोई सवाल ही नहीं है. हम घर पर बैठेंगे, किसानी करेंगे, खेती करेंगे, किताब लिखेंगे, भाषण देंगे, लेकिन इन लोगों के पल्ले नहीं पड़ेंगे. चाहे वे मुख्यमंत्री बनायें या फिर प्रधानमंत्री. जीतन राम मांझी ने महकार स्थित अपने पैतृक आवास पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जहां तक फाॅरवर्ड की बात है, तो लालू जी ने उन्हें बोथड़ कहा. बोथड़ तो वे हैं, जो लोगों को अपनी बोथड़इ से जलील करने काम कर रहे हैं. अपने तो तेज नहीं हुए दूसरे को वे बोथड़ कह रहे हैं. मांझी ने कहा कि जनता ने 15 साल का समय मिला, लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सुधार के काम नहीं किये. जितना समय उन्हें मिला, उतना तो नीतीश कुमार को भी नहीं मिला. लालू प्रसाद को मौका मिला तो उन्होंने चरवाहा विद्यालय खोला, लाठी में तेल पिलावन और लाठी भांजने को बढ़ावा दिया. वे उपकार नहीं कर सकते थे, सिर्फ भावना फैलाकर काम करना चाहते थे. आरक्षण के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार के लोग खासकर एक समुदाय के लोग भावना से प्रभावित हो जाते हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद उन्हें गंवई के रूप में समझाते में सफल भी होते हैं, लेकिन समाज के बुद्धिजीवी लोग चाहे वे हिंदु, मुसलिम, सिख, ईसाइ या फिर यादव परिवार से हो वे वास्तविकता को समझते हैं और उनकी बातों को तरजीह नहीं देते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने टूडे-चाणक्या के एक्जिट पोल को फिर से सच्चाई से करीब बताया. उन्होंने कहा कि जिस वैज्ञानिक व तार्किक तरीके से एक्जिट पोल दिखाया गया, वह वास्तविकता से बहुत ही नजदीक है. एनडीए अपर हैंड में है और सर्वे में दिखाये गये 155 सीटों से ज्यादा सीटें आने जा रही है.

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