लालू-राबड़ी के बेटों को मिली जीत

पटना : विधानसभा के इस चुनाव में लालू-राबड़ी देवी के दोनों बेटे तेज प्रताप तथा तेजस्वी यादव चुनाव जीतने में सफल रहे. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के बेटे मंटू तिवारी भी चुनाव जीतने में सफल रहे. लेकिन, कुछ एसे नेता भी रहे जिन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में खुद प्रदेश की राजनीति से अलग-थलग हुए तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2015 6:06 AM
पटना : विधानसभा के इस चुनाव में लालू-राबड़ी देवी के दोनों बेटे तेज प्रताप तथा तेजस्वी यादव चुनाव जीतने में सफल रहे. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के बेटे मंटू तिवारी भी चुनाव जीतने में सफल रहे.
लेकिन, कुछ एसे नेता भी रहे जिन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में खुद प्रदेश की राजनीति से अलग-थलग हुए तो बड़ी मशक्कत कर अपने पुत्र को पार्टी का टिकट दिलाया. इसके लिये पार्टी ने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर अपने पुत्रों को टिकट दिलाया. अब इन सीटों पर नेता पुत्रों को हार देखनी पड़ी व पार्टी को भी फजीहत झेलनी पड़ी.
सबसे अधिक नेता पुत्र भाजपा व हम पार्टी में दिया गया. भाजपा नें भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता व सांसद अर्जित शाश्वत को टिकट दिलाया. इसी तरह भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा सी पी ठाकुर ने अपने पुत्र विवेक ठाकुर को टिकट दिलाया. नतीजा भाजपा के विरोध में गया. इसी तरह भाजपा ने अपने तीसरे सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक यादव को केवटी विधानसभा क्षेत्र पार्टी का टिकट दिया. अशोक की हार हो गयी.
इसी तरह से हम के नेता जीतन राम मांझी ने अपने पुत्र संतोष कुमार सुमन को कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया. इसी तरह से हम व प्रदेश के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह के दोनों पुत्र हार गये हैं. उनके बड़े पुत्र अजय प्रताप जमुई विधानसभा क्षेत्र से जबकि छोटे पुत्र सुमित सिंह चकाई विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार थे. दोनों को पराजय का सामना करना पड़ा.
लोजपा जिस पर परिवार की पार्टी का तोहमत लगता रहा है, उसने भी परिवार को टिकट देने में परहेज नहीं की. राम विलास पासवान के दामाद राम नाथ रमन को राजापाकर से उम्मीदवार बनाया. उन्होंने अपने दूसरे दामाद अनिल कुमार साधू को पार्टी के उम्मीदवार का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया. इसके बावजूद पासवान के दोनों दामादों को हार मिली. महागंठबंधन की लहर में वह चुनाव हार गये और सदन पहुंचने का सपना धरा का धरा रह गया.

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