उपभोक्ता आयोग संवाददाता, पटना दुर्घटना के कारण मृत्यु के दावे को अस्वीकार कर बीमा का भुगतान नहीं किये जाने पर जिला उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है. पटना सिटी की बिमला देवी ने आयोग में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत की, जिसमें बताया कि उनके पति इलेक्ट्रिशियन थे. वह पांच अगस्त, 2008 को बिजली के खंभे पर काम करते समय करंट लगने से घायल हो गए, जिनकी बाद में 18 अक्तूबर, 2010 को मृत्यु हो गयी. लेकिन, जब बीमित राशि का दावा किया, तो विपक्षी पार्टी ने उसे अस्वीकार कर दिया. बीमा कंपनी ने कहा कि वह एक निजी इलेक्ट्रिशियन था़ दुर्घटना की घटना की सूचना पुलिस प्राधिकारी को नहीं दी गयी थी और दुर्घटना की तारीख और मृत्यु की तारीख के बीच की अवधि बीत गयी और यह भी कि बीमाधारक विद्युत विभाग का अधिकृत इलेक्ट्रिशियन नहीं था. इस पर आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्र व सदस्य रजनीश कुमार ने बताया कि ने सुनवाई के बाद शिकायत की तिथि 22 सितंबर, 2010 से सालाना 12 फीसदी की दर से साधारण ब्याज के साथ बीमित राशि दो लाख रुपये, मानसिक पीड़ा और शारीरिक उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपये और मुकदमे की लागत के रूप में 25 हजार रुपये तीन माह में देने का आदेश दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है