”मोदी” पर भारी दो ”बिहारी”
पटना में एनडीए को 7, महागंठबंधन को 6 सीटें पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की दोस्ती रंग लायी है. महागंठबंधन के पक्ष में दो तिहाई से अधिक सीटें आने के बाद अब प्रदेश में नयी सरकार के गठन की पहल शुरू हो गयी है. नीतीश कुमार पांचवीं बार राज्य […]
पटना में एनडीए को 7, महागंठबंधन को 6 सीटें
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की दोस्ती रंग लायी है. महागंठबंधन के पक्ष में दो तिहाई से अधिक सीटें आने के बाद अब प्रदेश में नयी सरकार के गठन की पहल शुरू हो गयी है. नीतीश कुमार पांचवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे. संभावना है कि नयी सरकार में राजद और कांग्रेस भी भागीदार होगी. राजद से एक उपमुख्यमंत्री बनाये जा सकते हैं.
विधानसभाध्यक्ष की कुरसी कांग्रेस को मिल सकती है. चुनाव परिणााम के बाद सात सर्कुलर रोड स्थित नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल्द ही जदयू विधायक दल की बैठक होगी. इसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जायेगा.
इसके बाद महागंठबंधन के विधायकों की एक साथ बैठक होगी. फिर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया जायेगा. हालांकि, मौजूदा सरकार की अवधि 29 नवंबर तक है. इसलिए, उम्मीद की जा रही है छठपूजा के बाद महागंठबंधन की सरकार स्वरूप ले लेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में सहयोगी दल आपस में मिल बैठ कर निर्णय लेंगे.
रविवार का दिन नीतीश कुमार और लालू प्रसाद व कांग्रेस के लिए सुखद रहा. एक सौ एक सीटों पर चुनाव लड़ रहा राजद 80 सीटें लाकर सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है, जबकि इतनी ही सीटों पर लड़ रहे जदयू को 71 सीटें मिली हैं. कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत हासिल की है. वर्ष 1995 के बाद कांग्रेस का यह सबसे अच्छा प्रदर्शन है. दूसरी ओर सत्ता के प्रबल दावेदार भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी बन गयी है. उसे 53 सीटें मिल पायी हैं. एनडीए को कुल मिला कर 58 सीटें मिली हैं.
कई जिलों में भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया है. रालोसपा के दो उम्मीदवार जीत पाये हैं. इसी प्रकार हम से सिर्फ पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ही चुनाव जीत पाये हैं. उन्होंने इमामगंज सीट से पर विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को हराया, लेकिन मांझी को मखदुमपुर सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा. लोजपा को महज दो सीटें मिली हैं.
सबसे अहम बात है कि लालू प्रसाद के बेटों तेज प्रताप व तेजस्वी को छोड़ कर सभी नेतापुत्र हार गये. रामविलास पासवान के भतीजे प्रिंस राज, डॉ सीपी ठाकुर बेटे विवेक ठाकुर, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन, अश्विन चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत, हुकुम देव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं सक्रिय राजनीति से दूर शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी को जीत मिली है.
महागंठबंधन
एनडीए
चरण राजद जदयू कांग्रेस कुल भाजपा लाेजपा हम रालोसपा कुल
पहला 16 20 08 44 05 01 00 00 06
दूसरा 12 08 03 23 07 00 01 01 09
तीसरा 21 12 03 36 12 00 00 00 12
चौथा 16 10 04 30 20 01 00 00 21
पांचवां 15 21 09 45 09 00 00 01 10
क्यों हुई एनडीए की करारी हार
– आरक्षण पर संघ प्रमुख भागवत का बयान
– नीतीश के डीएनए पर सवाल उठाना
– गोमांस को लेकर अनावश्यक बयानबाजी
– लालू को शैतान कह कर हमला करना
– नीतीश पर बिना तथ्यों के हमला करना
– प्याज, दाल की कीमतों में भारी वृद्धि
– नीतीश के मुकाबले राज्य में एनडीए के पास कोई दमदार चेहरा का न होना
– नीतीश सरकार के कामकाज के प्रति लोगों की सकारात्मक राय
यह बिहार के लोगों की जीत है. यह रिजल्ट बिहार के विजडम को प्रदर्शित करता है. हर तबके में जो उम्मीद है और जो विश्वास किया है, उसे हम समझते हैं और जनता की उम्मीदों के अनुरूप काम करेंगे. हम मिल-जुल कर सकारात्मक रूप से काम करेंगे.
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
यह विभाजन पर एकता की जीत है. अहंकार पर िवनम्रता की जीत है. िबहार की जनता की जीत है. प्रधानमंत्री अहंकारी हो गये हैं. उन्हें प्रचार बंद कर काम करना चाहिए, नहीं तो जनता गाड़ी से बाहर कर देगी.
राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
गरीब मां-बहनों ने महागंठबंधन के पक्ष में मतदान किया. हम उनके अरमनों को पूरा करेंगे. जनादेश के सामने हम नतमस्तक हैं. हमारी बातें सच साबित हुई. हमने 190 सीटें आने की बात कही थी, कमोवेश उसी के आस-पास हम पहुंचे हैं.
लालू प्रसाद, राजद अध्यक्ष
हम जनादेश का सम्मान करते हैं. चुनाव परिणाम आशा के विपरीत हुआ. दीपावली के बाद समीक्षा होगी. राज्य के िवकास के िलए नयी सरकार को सकारात्मक सहयोग देंगे व रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे.
सुशील कुमार मोदी, भाजपा