रंग-बिरंगी आतिशबाजी से बचें, जहरीले रसायनों का खतरा
रंग-बिरंगी आतिशबाजी से बचें, जहरीले रसायनों का खतरा- पटाखों से निकलनेवाली रोशनी से शरीर के साथ पर्यावरण को भी खतरासंवाददाता, पटनारंग-बिरंगी आतिशबाजी खूब लुभाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि विभिन्न प्रकार के पटाखों से जो रंगीन रोशनी निकलती हैं, उनमें बेरियम, स्ट्रॉशियम और लीथियम जैसे जहरीले तत्व होते हैं. पटाखे के जलने के […]
रंग-बिरंगी आतिशबाजी से बचें, जहरीले रसायनों का खतरा- पटाखों से निकलनेवाली रोशनी से शरीर के साथ पर्यावरण को भी खतरासंवाददाता, पटनारंग-बिरंगी आतिशबाजी खूब लुभाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि विभिन्न प्रकार के पटाखों से जो रंगीन रोशनी निकलती हैं, उनमें बेरियम, स्ट्रॉशियम और लीथियम जैसे जहरीले तत्व होते हैं. पटाखे के जलने के बाद ये तत्व पर्यावरण में किसी-न-किसी रूप में घुल जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन जाते हैं. इस बार कम पटाखे चला कर पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य को होनेवाले नुकसान को कम किया जा सकता है. दरअसल रासायनिक तत्व पर्यावरण को बदरंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अनार, रॉकेट व अन्य पटाखे जो रंगीन प्रकाश पैदा करते हैं, उनमें भारी धातु, जहरीले लवण और क्लोरीनेटेड यौगिक मिलाये जाते हैं. जलने के बाद यह पर्यावरण में समा जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. जब रंगीन पटाखे चलाये जाते हैं, तो उनसे जो धुआं और धूल निकलती है, उसमें कई जहरीले तत्व जैसे बेरियम, आर्सेनिक सल्फाइड और भारी धातु होते हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों के अनुसार भारी धातु और बेरियम जैसे तत्व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. यह तत्व पटाखे के धुएं के साथ वातावरण में मिलते हैं. धुएं के साथ तो ये तत्व हमारे शरीर के अंदर चले जाते हैं. इसके अलावा सुबह की ओस के साथ यह धरती पर आ जाते हैं. इनकी ज्यादा मात्रा से हमारी किडनी, रक्त परिसंचरण तंत्र आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है. पटाखों में रंग पैदा करने के लिए मिलाये जानेवाले रसायन ——————————————–लाल®स्ट्रॉशियम और लीथियम साल्टऑरेंज®कैल्शियम क्लोराइड, कैल्शियम सल्फेटसुनहरा®आयरन, चारकोल या लैंपब्लैकपीला®सोडियम नाइट्रेट, क्रायोलाइटहरा®बेरियम क्लोराइडनीला®कॉपर एसीटोआर्सेनाइट, कॉपर क्लोराइड सिल्वर®एल्युमिनियम, टाइटेनियम या मैग्निशियम पाउडर