सुशील मोदी की नहीं गयी ऐंठन : संजय

पटना : जदयू मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि एक कहावत है रस्सी जल जाती है, लेकिन ऐंठन नही जाता है. कुछ यही हाल है सुशील मोदी का. पूरा बिहार हारने के बाद भी यह अहसास नहीं हुआ कि नीतीश कुमार व लालू यादव बिहार के बड़े नेता हैं. उन्होंने बिहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2015 5:44 AM
पटना : जदयू मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि एक कहावत है रस्सी जल जाती है, लेकिन ऐंठन नही जाता है. कुछ यही हाल है सुशील मोदी का. पूरा बिहार हारने के बाद भी यह अहसास नहीं हुआ कि नीतीश कुमार व लालू यादव बिहार के बड़े नेता हैं. उन्होंने बिहार के विकास के लिए जहां भी रहे काम किया है.
श्री सिंह ने कहा कि सुशील मोदी ने एक बार भी लालू यादव को इस बात के लिए बधाई नहीं दी कि उन्होंने बिहार के मढौरा व मधेपुरा में रेल कारखाना लाने का काम किया. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेल कारखाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया.
रेलवे को इस लायक माहौल बना कर दिया कि यहां काम शुरु हो सके. आज जो केंद्र सरकार इस में काम शुरु करने जा रही है उसके लिए नीतीश कुमार व लालू यादव का ज्यादा योगदान है. इस परियोजना के लिए क्या सुशील मोदी को नीतीश कुमार व लालू यादव को धन्यवाद नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास बिहार में विकास का काम करने का एकमात्र विकल्प बचा है.
जिस तरह से वादे नरेंद्र मोदी सरकार ने किए थे उसके मुताबिक बिहार की जनता ने उन्हें जवाब दे दिया है.
बिहार में जुमलों पर सरकार नहीं बन सकती है. नीतीश कुमार ने बिहार में काम किया है. आज जो प्रचंड बहुमत मिला है ये उसी काम का नतीजा है. बिहार की रेल परियोजनाअों के लिए मिलने वाले राशि में 60 हजार करोड़ का बकाया है, लेकिन विकास की बात करने वाली मोदी सरकार के मंत्री इसमें भी सियासत कर रहे हैं.
आरा-भभुआ, अररिया-सुपौल, डेहरी-बंजारी, गया-डाल्टेनगंज, गया-चतरा-नटेसर, नवादा-लक्ष्मीपुर, कुरसैला-बिहारीगंज, मुजफफरपुर- दरभंगा, राजगीर- तिलैया- इस्लामपुर, दरभंगा- कुशेश्वरस्थान,बिहटा -औरंगाबाद,सीतामढी- निर्मली रेल परियोजना केंद्र की उदासीनता की शिकार हो गयी है.

Next Article

Exit mobile version