पटना: आयकर विभाग ने विधानसभा चुनाव के पहले सितंबर में ही 12 विधायक और 4 एमपी को संपत्ति में 500 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने पर नोटिस जारी किया था. सभी जनप्रतिनिधियों ने चुनावी कार्यक्रम में अत्याधिक व्यस्तता दिखाते हुए चुनाव बाद जवाब देने की मोहलत मांग थी, लेकिन चुनाव खत्म होने और परिणाम आने के बाद भी अभी तक आधा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों ने कोई जवाब ही नहीं दिया है. जिन आधे लोगों ने जवाब दिया भी है, उसमें पटना साहिब सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह को छोड़कर अन्य दो-तीन ने जो जवाब दिया वह संतोषजनक नहीं है.
अभी तक जिन 4-5 लोगों ने जवाब दिया भी है, उसमें दो सांसदों को छोड़ अन्य के जवाब से लगता है कि जवाब देने की महज खानापूर्ति की गयी है. संपत्ति में बढ़ोतरी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है. बड़ी बात है कि आधे से अधिक ने तो अभी तक जवाब ही नहीं दिया है. इसमें पूर्व सीएम जीतन राम मांझी समेत अन्य भी शामिल हैं.
जवाब नहीं देने वालों पर जारी हो सकता है समन
जिन जनप्रतिनिधियों ने जवाब नहीं दिया है. उन पर आयकर विभाग आगे की कार्रवाई करने की तैयार कर चुका है. जल्द ही तमाम जनप्रतिनिधियों को एक अल्प अवधि का नोटिस भेजा जायेगा. इसके बाद भी जिनका जवाब नहीं आयेगा, उन पर समन जारी कर सीधे बुलाया जायेगा. समन जारी करने पर इन्हें हर हाल में आयकर विभाग
के कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में संपत्ति का स्पष्ट विवरण नहीं मिलने पर संबंधित जनप्रतिनिधियों पर इनकम टैक्स एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज हो सकता है. उनके घर समेत तमाम
संपत्ति का आयकर विभाग सर्च भी कर सकता है.
इनपर जारी किया गया था नोटिस
4 सांसद : शत्रुघ्न सिन्हा (पटना साहिब), हरि मांझी (गया), सुशील कुमार सिंह (औरंगाबाद) और भोला सिंह (बेगूसराय).
12 एमएलए : पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (मकदुमपुर), पूर्णिमा यादव (नवादा), श्रवण कुमार (नालंदा), प्रेमरंजन पटेल (सूर्य गढ़ा), गुड्डी देवी (रुन्नीसैदपुर), मो. तौसि फ आलम (बहादुरगंज), कृष्ण नंदन पासवान
(हरसिद्धि), मनोज कुमार सिंह (कुढ़नी), रमेश ऋषिदेव (सिंहेश्वर), पन्ना लाल पटेल (बेलदौर), सुनील पांडेय (तरारी) और नरेंद्र नारायण यादव (आलमनगर)