शनिवार को पुन: राबड़ी देवी के आवास पर विधायक दल की होगी बैठक

पटना : राजद के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में विधायक दल के नेता के चयन के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को अधिकृत किया गया है. होटल मोर्या में आयोजित विधायकों की लगभग एक घंटा 25 मिनट चली बैठक में महागंठबंधन के नेता पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की अनुसंशा की गयी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2015 3:52 PM

पटना : राजद के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में विधायक दल के नेता के चयन के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को अधिकृत किया गया है. होटल मोर्या में आयोजित विधायकों की लगभग एक घंटा 25 मिनट चली बैठक में महागंठबंधन के नेता पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की अनुसंशा की गयी. यह जानकारी लालू प्रसाद ने बैठक संपन्न होने के बाद पत्रकार सम्मेलन में दी.

उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी की अध्यक्षता में विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में 79 विधायक और पांच एमएलसी शामिल हुए. विधायकों में 36 पूराना चेहरा और 44 पहलीवार चुनाव जीत कर आये. विधायक केदार सिंह के जेल में बंद होने के कारण वे बैठक में शामिल नहीं हो सके. बैठक में शामिल विधायकों को राबड़ी देवी ने शुभकामना और बधाई दी. साथ उन्हें दायित्व की जानकारी दी गयी. श्री प्रसाद ने कहा कि बैठक में प्रस्ताव पारित कर विधान मंडल दल के 80 विधायक और पांच एमएलसी की ओर से बिहार की महान जनता खाशकर पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, महादलित, अल्पसंख्यक और उंची जाति के गरीबों को बधाई दिया.

उन्होंने कहा कि बिहार की महान जनता ने समय की पुकार को सुना. इसके कारण ही भाजपा का सुपरा साफ हो गया. इसके कारण ही पूरी दुनिया में जहां देश के लोग रहते हैं खुशी मना रहे हैं. इस जीत का असर पूरे देश में हुआ. उन्होंने कहा कि हम बिहार की जनता को नमन करते हें. उनके सपनों का बिहार बनायेंगे. उन्होंने कहा कि शनिवार को पुन: राबड़ी देवी के आवास पर विधायक दल की बैठक होगी. बैठक के बाद सभी 79 विधायक और पांच एमएलसी विधान परिषद के लिए मार्च करेंगे, जहां पुन: इनकी बैठक होगी. पत्रकार सम्मेलन के दौरान मंच पर श्री प्रसाद के अलावा राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव, रामचंद्र पूर्वे और मुंद्रिका सिंह यादव मौजूद थे.

राजद विधायक दल की बैठक होटल के एक हॉल में चल रही थी. वहीं हॉल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी. उतनी ही भीड़ होटल के परिसर में जमा था. बैठक के दौरान हॉल से जब कोई बाहर निकलता, उसे नेता पर चयन की जानकारी के लिए घेर लेता था. यह क्रम लगभग डेढ़ घंटा तक चलता रहा. समर्थकों की भीड़ के कारण मीडिया कर्मियों और विधायकों के अंगरक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

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