भाजपा नेता अवसाद से ग्रसित : संजय सिंह

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा की बड़ी हार के बाद भाजपा के नेता अवसाद से ग्रसित हो गये हैं. अभी नयी सरकार का गठन भी नहीं हुआ है और ना ही शपथ ग्रहण हुआ है, लेकिन भाजपा नेता अभी से ही राज्य में बनने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 5:17 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा की बड़ी हार के बाद भाजपा के नेता अवसाद से ग्रसित हो गये हैं. अभी नयी सरकार का गठन भी नहीं हुआ है और ना ही शपथ ग्रहण हुआ है, लेकिन भाजपा नेता अभी से ही राज्य में बनने वाली लोकप्रिय सरकार के खिलाफ प्रचार प्रसार शुरू कर दिये हैं.
हालांकि भाजपा नेताओं की शुरू से ही आदत रही है कि दूसरे दलों की नकारात्मक प्रचार-प्रसार करते हैं. हार के बाद भी भाजपा ने सीख नहीं ली है कि दूसरे दलों खिलाफ बोलते रहने से एक दिन जनता ही उन्हें नकार देती है.
बिहार में एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन होने वाला है, जिसके मुखिया नीतीश कुमार हैं, जिनमें कोई द्वेष की भावना नहीं है, वो सबके साथ मिलकर विकास में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में झूठे विकास की बात करने वाले भाजपा नेता जुमलावीर हैं. कभी भाजपा के नेता सकारात्मक होकर बिहार में काम नहीं करते हैं. बिहार में आकर भाजपा नेता मासूम जनता के साथ राजनीति करते हैं.
नीतीश कुमार ने बिहार में जो कानून का राज स्थापित किया है, उसका श्रेय भी देना चाहिए था, लेकिन भाजपा नेता सिर्फ और सिर्फ झूठा हमला करते रहे. इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार की जनता ने अपना विश्वास सुशासन के प्रतीक नीतीश कुमार में जताया. भाजपा नेता नंदकिशोर यादव को ये समझना चाहिए नीतीश कुमार कभी अपराध को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं.
बिहार में नीतीश कुमार ने कानून के राज को स्थापित करके अपने सुशासन पद्धति का लोहा मनवाया था और आगे भी बिहार में सुशासन के प्रतीक रहे नीतीश कुमार के कार्यकाल में अपराधी सिर नहीं उठा पायेंगे. संजय सिंह ने कहा कि नंद किशोर यादव जो आरोप महागंठबंधन के कार्यकर्ताओं पर लगा रहे हैं, वो पूरी तरह से निराधार है. बिहार में अपराध का राज कब का समाप्त हो चुका है और जो छिटपुट घटनाएं घटी हैं.
उसमें पुलिस अपने तरीके से काम कर रही है. आपसी अदावत में लड़े लोगों को राजनीतिक कार्यकर्ता बताने वाले नंदकिशोर यादव को अपराध और अपराधियों की परिभाषा को समझना चाहिए न कि किसी भी घटना को सरकार और उसकी राजनीतिक पार्टी से जोड़ना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version