सीबीएसइ का हाल: बदल जाते हैं प्रिंसिपल सीबीएसइ को पता नहीं
पटना: किस स्कूल मे कौन प्रिंसिपल है, इसकी जानकारी सीबीएसइ के पास नहीं है. सीबीएसइ एफिलिएशन देने के समय प्रिंसिपल का रिकार्ड लेता है. लेकिन बाद में उसे चेंज नहीं करता है. कई स्कूल के प्रिंसिपल बदल जाते है, लेकिन इसकी जानकारी बोर्ड को नहीं होता है. पटना में हर साल स्कूलों के प्रिंसिपल बदल […]
पटना: किस स्कूल मे कौन प्रिंसिपल है, इसकी जानकारी सीबीएसइ के पास नहीं है. सीबीएसइ एफिलिएशन देने के समय प्रिंसिपल का रिकार्ड लेता है. लेकिन बाद में उसे चेंज नहीं करता है. कई स्कूल के प्रिंसिपल बदल जाते है, लेकिन इसकी जानकारी बोर्ड को नहीं होता है.
पटना में हर साल स्कूलों के प्रिंसिपल बदल दिये जाते हैं. हर साल एक प्रिंसिपल दूसरे स्कूल को बदल लेते हैं, लेकिन सीबीएसइ के पास उसी प्रिंसिपल का नाम स्कूल के रिकाॅर्ड में दर्ज होता है, जो एफिलिएशन देने के समय स्कूल की ओर से दिया जाता है. यह हाल पटना में कोई एक स्कूल का नहीं है, बल्कि अधिकांश स्कूलों का यही हाल है.
स्कूल भेजता नहीं और सीबीएसइ जांचता नहीं : किसी भी स्कूल के प्रिंसिपल को अगर चेंज किया जाता है तो इसकी जानकारी स्कूल को तुरंत सीबीएसइ को देना होता है. प्रिंसिपल को चेंज करने का कारण भी बताना होता है. सीबीएसइ के परमिशन के बाद ही स्कूल दूसरा प्रिंसिपल रखेगा, लेकिन स्कूल वाले ऐसा नहीं करते है. आपसी छोटे मोटे झगड़े होने पर भी स्कूल प्रशासन प्रिंसिपल को चेंज कर देते हैं. वहीं, सीबीएसइ रेंडमली जांच के दौरान भी इस बात की जांच नहीं करता है कि सीबीएसइ के रिकार्ड के अनुसार वहीं प्रिंसिपल है या दूसरा कोई और है. सीबीएसइ अपनी वेबसाइट पर भी प्रिंसिपल का नाम चेंज नहीं करता है.
प्रिंसिपल की डिग्री की जांच के बाद ही मिलती है मान्यता : किसी भी स्कूल को तभी मान्यता मिलती है, जब वहां के प्रिंसिपल की डिग्री सही हो. प्रिंसिपल के डिग्री की जांच होने के बाद ही वो स्कूल का प्रिंसिपल रहेगा. हर स्कूलों के प्रिंसिपल की डिग्री सीबीएसइ के पास रहता है. इसके अलावा 15 सालों का वर्क एक्सपेरियेंस भी प्रिंसिपल बनने के लिए होना चाहिए. वर्क एक्सपेरियेंस 15 साल का उस स्कूल का होना चाहिए, जो सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त हो.
केस वन
राकेश शर्मा डीएवी खगौल के प्रिंसिपल 1999-2000 के दौरान थे. 2001 में उन्होंने स्कूल छाेड़ दिया. 2004 के दौरान राकेश शर्मा की मृत्यु हो गयी. इसके बाद चार प्रिंसिपल भी स्कूल के चेंज हो चुके हैं, लेकिन आज भी सीबीएसइ के रिकार्ड में इस स्कूल के प्रिंसिपल के तौर पर राकेश शर्मा का ही नाम दर्ज है. राकेश शर्मा के नाम से स्कूल सीबीएसइ से स्कूल को कोई पत्र भी आता है.
केस टू
रेडियेंट इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल सीबी सिंह को स्कूल को छोड़े हुए लगभग दो साल होने जा रहा है. रेडियेंट इंटरनेशनल स्कूल में अभी मिस्टर रहमान प्रिंसिपल के तौर पर है. सीबी सिंह ने स्कूल जनवरी, 2013 में ही छोड़ दिया, लेकिन सीबीएसइ के रिकार्ड में आज भी रेडियेंट इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल के तौर पर सीबी सिंह को ही दिखाया जा रहा है.
सीबीएसइ स्कूलों में हर साल प्रिंसिपल चेंज कर दिये जाते हैं. इसकी जानकारी हमें तब मिलती है, जब हम स्कूल की जांच के लिए जाते हैं. सीबीएसइ के पास से जो लेटर आता है, उसमें किसी और प्रिंसिपल का नाम होता है, और जांच करने के समय कोई और प्रिंसिपल मिलते है. इसकी जानकारी हम सीबीएसइ को भेजते है.
डीएस सिंह, मेंबर, सीबीएसइ मान्यता जांच कमेटी