लालू कभी परिवार से बाहर निकल ही नहीं सकते : पप्पु

पटना : जन अधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस महागंठबंधन की जीत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उसका श्रेय देते हुए आज कहा कि यह राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जीत नहीं बल्कि नीतीश जी के अनुभव और उनके सोशल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2015 7:55 PM

पटना : जन अधिकार पार्टी प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस महागंठबंधन की जीत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उसका श्रेय देते हुए आज कहा कि यह राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जीत नहीं बल्कि नीतीश जी के अनुभव और उनके सोशल इंजीनियरिंग का नतीजा है. जन अधिकार पार्टी द्वारा इस चुनाव में अपनी हार की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पप्पू ने यह जानकारी दी.

उन्होंने महागठबंधन की भारी जीत के लिए नीतीश के सलाहकार प्रशांत किशोर की रणनीति को खारिज करते हुए कहा कि नीतीश जी के सामने एक मजबूत इरादे वाले पिछड़े नेता का नहीं होना एक बहुत बड़ा कारण था. पप्पू ने इस चुनाव में महागंठबंधन की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकास के मुद्दों को कथित तौर पर गौण कर दिया जाना, राजग का बड़बोलापन एवं उसके घटक दलों के बीच वोट का हस्तांतरण नहीं हो पाना, अभद्र भाषा का प्रयोग, धार्मिक मुद्दों को उठाया जाना तथा जातीय गोलबंदी होना भी बताया.

जनअधिकार पार्टी प्रमुख ने इस चुनाव में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए महागंठबंधन द्वारा भाजपा की बी टीम के तौर पर प्रचारित तथा उन्हें खलनायक बताये जाने को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के साथ महागंठबंधन को लेकर दुविधा में रहने के कारण उन्होंने देर कर दी. पप्पू यादव ने अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि आगामी जनवरी महीने में उनकी पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के बाद उनकी पार्टी जनता के लिए अपने संघर्ष को जारी रखेगी तथा क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर लोकसभा से सड़क तक लड़ेगी.

उन्होंने भाजपा को धार्मिक मुद्दों को छोड़ने और उससे निकलने की सलाह देते हुए आरोप लगाया कि उसने न तो पूर्व में बिहार में विपक्ष की भूमिका निभाई और न ही आज ऐसा करने की स्थिति में है. विपक्ष की भूमिका को केवल उनकी पार्टी का नेतृत्व ही दे सकती है. पप्पू ने कहा कि जनता ने उनकी पार्टी के गठन के इतने अल्पकाल के दौरान डेढ़ प्रतिशत वोट देकर हम पर भरोसा किया है और उस विश्वास और भरोसे पर हम ईमानदार विपक्ष की भूमिका निभाएंगे.

लालू प्रसाद के साथ गले लगने वाली अपनी तस्वीर वायरल हो जाने के बाद अपने भ्रष्टाचार विरोधी साख का बचाने का प्रयास करते हुये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यह कहे जाने कि राजद प्रमुख ने ‘उन्हें खींचा और गले लगा लिया’ और इसका मतलब ‘गंठबंधन’ नहीं है, पर नीतीश और लालू पर निशाना साधते हुए पप्पू ने कहा कि नीतीश ये बताएं कि क्या अरविंद केजरीवाल का उक्त कथन बिहार के मतदाताओं को ‘गाली’ नहीं और कब तक लालू प्रसाद बिहार के लोगों और यादव समुदाय को अपमानित करवाते रहेंगे.

उन्होंने नीतीश पर उनकी धर्मनिरपेक्षता तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से रिश्ते को लेकर प्रश्न खडा किया.
यह पूछे जाने पर कि लालू ने अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनवाकर अपने उत्तराधिकारी को लेकर उनके द्वारा उठाए गए प्रश्न का पटाक्षेप कर दिया है, इस पर पप्पू ने आरोप लगाया कि वे कभी भी अपने परिवार के बाहर निकल ही नहीं सकते.

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