कार्तिक पूर्णिमा आज. बन रहा बुधादित्व योग, मनोकामना होगी पूर्ण, करें गंगा स्नान और दान

पटना: बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा है. काफी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर भगवान विष्णु व शंकर की पूजा करेंगे. पूर्णिमा तिथि सुबह 6़ 17 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन सुबह 4.19 मिनट तक रहेगी. साथ ही कृतिका नक्षत्र व बुधवार का दिन होने से विशेष सर्वार्थ सिद्धि योग का सृजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 8:16 AM
पटना: बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा है. काफी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर भगवान विष्णु व शंकर की पूजा करेंगे. पूर्णिमा तिथि सुबह 6़ 17 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन सुबह 4.19 मिनट तक रहेगी. साथ ही कृतिका नक्षत्र व बुधवार का दिन होने से विशेष सर्वार्थ सिद्धि योग का सृजन हो रहा है. पंडित मार्कंडेय शारदेय के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा कृतिका व भरणी नक्षत्र में मनाया जाता है. कृतिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं. सूर्य और बुध को मैत्री ग्रह माना गया है. बुधवार के दिन पूर्णिमा होने के कारण बुधादित्व योग भी बन रहा है, जो सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करनेवाला है.
गंगा स्नान का विशेष महत्व : कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान दान का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा स्नान कर लोग पूजा करते हैं. इसे तपस्या का अंतिम महीना के रूप में मनाया जाता है. पूरे वर्ष पूजा-पाठ व व्रत करनेवाले लोग इस दिन सभी व्रतों का समापन करते हैं. इसे वर्ष का अंतिम दिन के रूप में भी मनाया जाता है. इसके अलावा सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इसके अगले दिन से अग्रहण माह शुरू होगा.
गंगा स्नान का वैज्ञानिक महत्व : कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान का वैज्ञानिक महत्व है. वैज्ञानिक डाॅ राकेश कुमार सिंह के अनुसार चंद्रमा की रोशनी का सबसे अधिक आकर्षण पानी में होता है. शरीर का अधिकतम भाग में पानी होता है. जब गंगा में स्नान करते हैं, तो चंद्रमा के किरणों का प्रवेश शरीर के समस्त अंगों में पड़ता है. इससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. वहीं पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा के एक सीध में आ जाने से इसका प्रभाव अधिक होता है. इस दौरान जल में खड़े होकर स्नान करने से वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर के लिए लाभदायक है. त्वचा संबंधी बीमारियां भी समाप्त हो जाती हैं.
गुड़ के बने लाय खाने का है विधान : कार्तिक पूर्णिमा से ही शरद ऋतु का आगमन हो जाता है. इससे गुड़ की बनी खाद्य सामग्रियों जैसे गुड़ की लाय, तिल की रेबड़ी, तिलकुट व गुड़वाली जलेबी भी खाने का विधान है.
पटना सिटी में गंगा स्नान को लेकर गांव व दूरदराज से आये श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर आशियाना गिरा दिया है. एसडीओ अनिल राय ने बताया कि स्नान मेला को लेकर गंगा घाटों पर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के साथ मोटर लांच से गश्ती की व्यवस्था की गयी है. साथ ही पूर्णिमा के मौके पर गंगा घाटों पर आरती का भी आयोजन किया गया है. इसी के तहत आधा दर्जन गंगा घाटों पर आरती होगी.
इसे देव दीपावली भी कहते हैं
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन त्रिपुरा असुर का संहार भगवान शिव व विष्णु ने किया था. साथ ही मीन अवतार हुआ था. इसे पांच दिनों तक मनाया जाता है. एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक लोग पूजा पाठ कर इसे मनाते हैं. इसे पंचम व्रत कहा जाता है. इसमें पंचगव्य ग्रहण किया जाता है. इसके साथ ही कार्तिक पूर्णिमा पर सत्य नारायण स्वामी की पूजा का भी विधान है. गंगा घाटों, घरों व मंदिरों में लोग पूजा-पाठ करते हैं. इस दिन किये कार्यों या पूजा पाठ का विशेष फल प्राप्त होता है. इसे देव दीपावली के रुप में मनाया जाता है.
गंगा में नहीं चलेगी नाव
आज कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी में नाव नहीं चलेंगे. सुबह चार बजे से शाम छह बजे तक किसी भी नाव के चलने पर पाबंदी लगा दी गयी है. सदर एसडीओ रेयाज अहमद खान ने बताया कि इस बाबत धारा 144 यानी निषेधाज्ञा भी लागू कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना की आशंका नहीं रह सके. यदि किसी ने इसका उल्लंघन किया तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.

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