उन्हाेंने कहा कि दलितों को महादलित की श्रेणी में शामिल कर उन्हें सभी सुविधाएं दी जाएं. लालू प्रसाद के इस बयान के बाद राज्य में इस वर्ग का एक नया समीकरण बनने की संभावना है. अभी महादलित श्रेणी से सिर्फ पासवान जाति बाहर है. इस जाति पर लोजपा की पकड़ मानी जाती है. यदि लालू प्रसाद के इस सुझाव पर अमल होता है, तो राज्य में फिर एक बार सभी अनुसूचित जातियां एक श्रेणी में शामिलहो जायेंगी.
नीतीश कुमार ने अपने पहले कार्यकाल में अनुसूचित जातियों में अधिकतर को महादलित की श्रेणी में शामिल कर उन्हें विशेष सुविधाएं शुरू की थी. इसमें पासवान को अलग रखने के कारण लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने इसका लगातार विरोध किया. वह सरकार पर अनुसूचित जातियों को बांटने का आरोप लगाते रहे हैं. महागंठबंधन में शामिल होने के पहले से राजद भी इसका विराेध करता रहा है. मालूम हो कि महादलित समुदाय से आनेवाले जीतन राम मांझी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में दलित-महादलित को एक करने की बात कही थी.