विधायकों की दबंगई व उत्पात पर सीएम चुप्पी तोड़ें : मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एक ओर तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशासनिक अधिकारियों को निर्भीक होकर बिना किसी हस्तक्षेप के काम करने की नसीहत देते हैं, दूसरी ओर सत्ताधारी विधायकों और उनके समर्थकों द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाते हुए थानेदार को जान से मारने की धमकी तो डीएसपी को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 11:14 AM

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि एक ओर तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशासनिक अधिकारियों को निर्भीक होकर बिना किसी हस्तक्षेप के काम करने की नसीहत देते हैं, दूसरी ओर सत्ताधारी विधायकों और उनके समर्थकों द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाते हुए थानेदार को जान से मारने की धमकी तो डीएसपी को गंगा में फेंकने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री को सत्ताधारी विधायकों व समर्थकों की दबंगई और उत्पात पर चुप्पी तोड़नी चाहिए.

गोपालपुर के जदयू विधायक नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल के समर्थकों ने जिस तरह से भागलपुर के डीएसपी रामकृष्ण गुप्ता को विक्रमशिला सेतु से गंगा में फेंकने का प्रयास किया और बडहरा (भोजपुर) के राजद विधायक सरोज यादव ने चरपोखरी के थानेदार को जान से मारने की धमकी दी, उसके बाद भी मुख्यमंत्री चुप्पी क्यों साधे हुए हैं.

मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि ऐसे में क्या पुलिस अधिकारी निर्भीक होकर काम कर पायेंगे. श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री विधि –व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए आला अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं, मगर उस बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को शामिल नहीं करते हैं जबकि दबंगई और बाहुबल के प्रदर्शन में राजद के विधायक ही सबसे आगे हैं. मुख्यमंत्री बतायें कि सत्ताधारी विधायकों की दबंगई अगर इसी तरह से जारी रही तो कानून के राज का क्या होगा.

‘सीएम नीतीश कुमार का विधायकों पर नियंत्रण नहीं’
उधर ट्वीट कर सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तीन दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कानून के शासन से
कोई समझौता नहीं करने का भरोसा दिलाया था, पर विधायकों पर उनका नियंत्रण नहीं दिख रहा है. भागलपुर के
ट्रैफिक डीएसपी ने विक्रमशिला पुल पर जाम हटाने के लिए सत्तारूढ़ दल के विधायक गोपाल मंडल के समर्थकों को टोका, तो डीएसपी को ही पुल पर से गंगा में फेंकने की कोशिश की गई. मामला बढ़ने पर विधायक ने सिटी एसपी के चैंबर में डीएसपी को हत्या की धमकी दी. सरकारी काम में बाधा डालने के कारण गैरजमानती धारा में मामला दर्ज होना चाहिए था, लेकिन विधायक के खिलाफ सिर्फ सनहा दर्ज हुआ और समर्थकों को थाने से ही छोड़ दि या गया.

भागलपुर जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने शराब पीकर अपनी सफारी गाड़ी चलायी. उन्होंने मात्र डेढ़ कि लोमीटर की मदमस्त ड्राइविंग के दौरान 12 लोगों को टक्कर मारी और आधा दर्जन वाहनों को क्षति ग्रस्त किया. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की कृपा से कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता में लौटी है. सुरूर अभी से चढ़ने लगा है.

‘आखिर किस जाति को महादलित में शामिल करना चाहते हैं लालू’
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि महादलितों को मिलने वाली सुविधाओं से दलित जातियों में मात्र दुसाध (पासवान) वंचित थे, मगर जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्रित्व काल में 14 फरवरी , 2015 को ही महादलित के विकास हेतु संचालित योजनाओं के लाभ के लिए अनुसूचित जाति के अन्तर्गत दुसाध (धाड़ी एवं धर ही सहित ) को भी सम्मिलित करने की स्वीकृति कैबिनेट की बैठक में दे दी थी. जब यह निर्णय पहले ही लिया जा चुका है, तो फिर लालू प्रसाद कि स जाति को महादलित में शामिल करने के लिए नीतीश कुमार से बात कर रहे हैं.

मोदी ने कहा कि दरअसल ‘दलितों का बंटवारा नहीं होगा’ जैसा बयान देकर लालू झूठी वाहवाही और श्रेय लेना चाहते हैं. दुसाध यानी पासवान छोड़ कर सभी दलित जातियां महादलित में शामिल हैं. लालू प्रसाद जो निर्णय पहले ही लिया जा चुका है, उसका श्रेय लेना चाहते हैं.

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