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… किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े न है

पटना: मैं जानता हूं, दुश्मन भी कम नहीं, लेकिन हमारी तरह हथेली पर जान थोड़े न है/ जो आज साहिबे-मसनत (सत्ताधीश) हैं, कल न होंगे/ किरायेदार हैं, जाती मकान थोड़े न है/ सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े न है़. शुक्रवार की शाम जब मशहूर शायर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2015 2:05 AM
पटना: मैं जानता हूं, दुश्मन भी कम नहीं, लेकिन हमारी तरह हथेली पर जान थोड़े न है/ जो आज साहिबे-मसनत (सत्ताधीश) हैं, कल न होंगे/ किरायेदार हैं, जाती मकान थोड़े न है/ सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े न है़.

शुक्रवार की शाम जब मशहूर शायर राहत इंदौरी ने इन पंक्तियों का पाठ किया, तो पूरा श्रीकृष्ष्ण मेमोरियल हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. मौका था प्रभात खबर की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘एक शाम आलमी शायर मुनव्वर राणा और राहत इंदौरी के नाम का.’ इस कार्यक्रम में देश के दो मशहूर शायरों मुनव्वर राना और राहत इंदौरी ने अपनी शायरी का जादू कुछ ऐसा बिखेरा कि हॉल में बैठे श्रोता तीन घंटे तक वाह-वाह करते रह गये. दोनों शायरों ने अपनी चिर-परिचित शायरी के साथ ही नयी पंक्तियां भी पढ़ीं. श्रोताओं पर शायरी का नशा धीमे-धीमे ऐसा चढ़ा कि शायर की हर पंक्ति पर वंस मोर-वंस मोर की डिमांड होने लगी.
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ
इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, बिहार पुलिस के एडीजी आलोक राज व प्रभात खबर के कॉरपोरेट एडिटर राजेंद्र तिवारी ने दोनों शायरों के साथ दीप प्रज्जवलित कर किया. इस मौके पर डीएस गंगवार ने मुनव्वर राना और राहत इंदौरी को देश के बड़े कलाकार बताते हुए कहा कि वे लोग समाज को आईना दिखाने का काम करते हैं.

एडीजी आलोक राज ने प्रभात खबर को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इन दोनों रचनाकारों ने अपनी लेखनी से देश को सोचने पर मजबूर किया. उनको उत्साहित किया. कल्पनाएं दीं. प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि पटनावासी यह शाम कभी नहीं भूलेंगे. प्रभात खबर के कॉरपोरेट एडिटर राजेंद्र तिवारी ने स्वागत भाषण किया. इस मौके पर मांउट लिटेरा जी स्कूल, बाढ़ के चेयरमैन केके शर्मा भी मंच पर मौजूद थे.

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