पटना: आज के युग में हिंदू की परिभाषा बदल गयी है. लोगों को लगता है कि उनका जन्म हिंदुस्तान में हुआ है. इसलिए वे हिंदू हैं, लेकिन सच्चई यह है कि हिंदू वही है,जो पुराण व धर्म को जानता या समझता हो.
उक्त बातें बुधवार को महावीर मंदिर परिसर में विराट रामायण मंदिर (मोतिहारी) के मॉडल का अनावरण करते हुए द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहीं. उन्होंने कहा कि भौतिक समृद्धि से मनुष्य कभी सुखी नहीं हो सकता है. जब तक वह खुद को भगवान को सौंप नहीं दे. इसके लिए पुराण में लिखी बातों पर अमल करें.
धन को पांच हिस्सों में बांटें
भौतिक समाज में फैली विषमता को खत्म करने के लिए लोगों को चाहिए कि वह अपने अर्थ का पांच हिस्सा करे. जिसका एक हिस्सा धर्म, दूसरा यश, तीसरा परिवार का पालन-पोषण, चौथा मूल धर्म की रक्षा और पांचवां हिस्सा पीड़ित व गरीबों की सेवा में खर्च हो. ऐसा करने से हम अपने धर्म का पालन कर पायेंगे और इसी भावना से समाज में स्कूल, कॉलेज व अस्पताल बनाये जायेंगे.
अयोध्या में बने राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. वहां राम का जन्म हुआ है और इसमें किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. वहां इस बात को लेकर भी हंगामा होता रहा है कि बाबरी मसजिद गिराने के बाद ही वहां मंदिर का निर्माण हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि भी हो गयी है कि राम जन्मभूमि पर कभी बाबर आया ही नहीं था. जगदगुरु ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने कार्यकाल में ऐसा कुछ करना चाहिए, जिसके बाद इतिहास में उसका नाम दर्ज हो जाये.
विराट रामायण मंदिर (एक नजर में)
मोतिहारी में केसरिया-चटिया मार्ग पर बनेगा
2268 फुट लंबा
1296 फुट चौड़ा
405 फुट ऊंचाई
66 फुट ऊंचाई
25 हजार श्रद्धालु करेंगे एक साथ पूजा
पांच सौ करोड़ की राशि
दान के लिए बैंक के सहयोग से कूपन छपेगा
एक कूपन 7707 रु. का होगा
15 कूपन खरीदनेवालों का नाम धर्म स्तंभ पर लिखा जायेगा
10 साल में मंदिर को पूरा करने की योजना