वामदलों का मिल कर चुनाव लड़ना उपलब्धि
वामदलों का मिल कर चुनाव लड़ना उपलब्धि पटना. इस विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि पहली बार चुनाव में भाग लेनेवाली तकरीबन सभी वाम पार्टियों ने मिल कर भाग लिया और इसने यह संदेश दिया कि फासीवाद के खिलाफ जनवादी संघर्ष की ऐतिहासिक जिम्मेवारी आज वामपंथ के कंधे पर आ गया है. […]
वामदलों का मिल कर चुनाव लड़ना उपलब्धि पटना. इस विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि पहली बार चुनाव में भाग लेनेवाली तकरीबन सभी वाम पार्टियों ने मिल कर भाग लिया और इसने यह संदेश दिया कि फासीवाद के खिलाफ जनवादी संघर्ष की ऐतिहासिक जिम्मेवारी आज वामपंथ के कंधे पर आ गया है. ये बातें केदार दास श्रम और समाज अध्ययन संस्थान के महासचिव प्रो नवीन चंद्र ने कहीं. वे केदार भवन में आयोजित विधानसभा चुनाव और वाममोर्चा: अनुभव और सबक विषय पर संगोष्ठी में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि चुनाव में नव उदारवादी पूंजीवादी दलों के दो गठबंधन उग्र हिंदूवादी और नरम हिंदूवादी जातिवादी गठबंधन आमने-सामने था. इसके बीच वामपंथ के प्रतिबद्ध मतदाताओं का समर्थन मिला. राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि कुछ तत्कालिक कारणों के साथ हमारी कमजोरी भी रही कि तालमेल नहीं हो सका. हम व्यापक बहस से इसके तह तक जाएंगे. भाकपा माले के कमलेश वर्मा, सीपीआई एम के गणेश शंकर सिंह, एनएसयूआइ के एनके पाठक, सीपीआइ एमएल के अरविदं सिंह ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ खगेंद्र ठाकुर, स्वागत अजय कुमार, संचालन अरुण कुमार और धन्यवाद ज्ञापन चितरंजन ने किया.