सीबीएसइ के जैसा होगा आइसीएसइ का 10वीं का प्रश्न पत्र
सीबीएसइ के जैसा होगा आइसीएसइ का 10वीं का प्रश्न पत्र – साइंस और आर्ट्स के अब दो नहीं, बल्कि एक होंगे प्रश्नपत्र संवाददाता, पटना बोर्ड परीक्षा को लेकर सभी बोर्ड ने अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है. जहां सीबीएसइ ने परीक्षा संबंधी गाइडलाइन जारी कर दिया है, वहीं आइसीएसइ बोर्ड भी परीक्षा में […]
सीबीएसइ के जैसा होगा आइसीएसइ का 10वीं का प्रश्न पत्र – साइंस और आर्ट्स के अब दो नहीं, बल्कि एक होंगे प्रश्नपत्र संवाददाता, पटना बोर्ड परीक्षा को लेकर सभी बोर्ड ने अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है. जहां सीबीएसइ ने परीक्षा संबंधी गाइडलाइन जारी कर दिया है, वहीं आइसीएसइ बोर्ड भी परीक्षा में कई बदलाव करने जा रहा है. बारहवीं में साइंस का पैटर्न सीबीएसइ के जैसा करने के बाद अब आइसीएसइ बोर्ड ने दसवीं के कोर्स में भी चेंज करने का सोचा है. आइसीएसइ बोर्ड के सूत्रों की मानें तो दसवीं बोर्ड में अब स्टूडेंस्स को साइंस और आर्ट्स की परीक्षा दो बार नहीं देनी होगी. 10वीं बोर्ड की परीक्षा में साइंस और आर्ट्स के दो नहीं, बल्कि एक प्रश्न पत्र होगा. ज्ञात हो कि अभी तक आइसीएसइ बोर्ड में फिजिक्स और केमेस्ट्री की परीक्षा एक साथ ली जाती थी. वहीं बायोलॉजी की परीक्षा अलग से होती थी. वहीं अार्ट्स में हिस्ट्री और सिविक्स की परीक्षा साथ में होती थी. यानी एक प्रश्न पत्र होता था. ज्योग्राफी के लिए एक प्रश्न पत्र होता था. अब इसमें चेंज कर दिया गया है. साइंस के सारे विषयों की एक साथ परीक्षा बोर्ड की मानें तो सीबीएसइ की तरह अब साइंस के सारे विषयों की परीक्षा एक साथ होगी. वहीं आर्ट्स के भी सारे विषयों की परीक्षा एक साथ बोर्ड अब आयोजित करेगा. परीक्षा लेने का यह नियम 2017 से लागू होगा. 2016 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा पुराने ही पैटर्न पर ही ली जायेगी, लेकिन 2017 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा नये पैटर्न पर ली जायेगी. स्टूडेंट्स काे मिलेगी राहत बोर्ड के द्वारा 10वीं का सिलेबस सीमित करने से स्टूडेंट को काफी राहत मिलेगी. पेपर कम कर देने से स्टूडेंट पर प्रेशर भी कम होगा. पहले साइंस की 100-100 अंकों की परीक्षा ली जाती थी, लेकिन अब 100 अंकों में ही साइंस की परीक्षा होगी. उसी तरह आर्ट्स भी पहले 100-100 अंकों का दो पेपर होता था, लेकिन अब 100 अंकों की ही आर्ट्स विषय की परीक्षा ली जायेगी. इससे स्टूडेंट को काफी आराम होगा. आइसीएसइ बोर्ड भी अब कठिन नहीं होगा. कोर्स कठिन होने के कारण आज भी स्टूडेंट्स इस बोर्ड से नहीं पढ़ना चाहते हैं, लेकिन बोर्ड द्वारा इस तरह के परिवर्तन करने से स्टूडेंट इस तरफ आयेंगे. बोर्ड का यह सराहनीय कदम है. एफ हसन, प्रिंसिपल, इंटरनेशनल स्कूल