पटना : लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को नई विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल राजद के विधायक दल नेता तथा राजद प्रमुख की पत्नी राबड़ी देवी को राजद विधानमंडल दल की नेता चुना गया है. हालांकि घोषणा के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसे ‘परिवारवाद की राजनीति का खुला प्रदर्शन’ बताया है.बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी और राबड़ी के चयन को ‘परिवारवाद की राजनीति का खुला प्रदर्शन’ बताया. प्रेम ने कहा कि 1990 से 2005 तक सभी ने राजद के 15 साल के शासनकाल के दौरान लालू प्रसाद की ‘परिवारवाद की राजनीति को देखा है. उन्होंने कहा कि लालू केवल परिवारवाद में विश्वास रखते हैं.
भाजपा द्वारा अपने चयन पर प्रश्न उठाए जाने पर तेजस्वी ने कहा कि जब जनता ने उन्हें और उनके बड़े भाई तेज प्रताप को स्वीकार कर लिया और हमें चुना ऐसे में भाजपा उसमें खोट क्यों ढूढ़ रही है. उन्होंने कहा कि वे अपनी भारी जिम्मेवारी से अवगत हैं और अपने स्तर पर बेहतर प्रदर्शन की कोशिश करेंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा को अगर हमारे प्रदर्शन में खोट नजर आता है तो उसे हमारी आलोचना करने का अधिकार है.
पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राजद दोनों नेताओं के मनोनयन को पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए कहा कि नियम के अनुसार राजनेता के पुत्र की नियुक्ति पर कोई रोक नहीं है और हमें किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद 16वें बिहार विधानसभा में दूसरा स्थान प्राप्त तथा सदन में उनके बगल में बैठने वाले 26 वर्षीय तेजस्वी के पास अनुभव नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि उन्हें एक-दो महीने कार्य करने दीजिए तब उसके बाद उनके बारे में निर्णय लें.
तेजस्वी को बिहार विधानसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कक्ष आवंटित किया गया हैं. उन्होंने आज जब अपना स्थान ग्रहण किया तो उनके कक्ष में राजद के विश्वस्त माने जाने वाले विधायक भोला यादव सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता बैठे दिखे. सदन में मुख्यमंत्री के बाद दूसरा स्थान रखने वाले तेजस्वी के बगल में उनके बडे भाई तेज प्रताप यादव और उनके बगल में राजद के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी के बैठने की व्यवस्था की गयी है.