बिहार समेत देश के अन्य राज्यों के चुनावों में स्थिति एक समान ही देखने को मिलती है. धन बल का प्रयोग जम कर होता है. वैज्ञानिक मेनर ने ये विचार सोमवार को आद्री के रजत जयंती समारोह में आयोजित कर्टेन रेजर व्याख्यान में रखे. वे ‘भारत के राज्य : शासन हेतु संघर्ष’ विषय पर बोल रहे थे. मेनर ने मजकिया लहजे में कहा कि भारत में चुनाव में तो काफी पैसे खर्च किये जाते हैं, लेकिन यहां के अस्पतालों को चलाने के लिए पैसे नहीं होते हैं.
उन्होंने बिहार समेत तमाम राज्यों तथा देश के राजनीतिक हालात का परिदृश्य वर्ष 1989 से 2014 तक का पेश किया. इस दरम्यान देश के राज्यों की सरकारों ने अपने स्तर पर कई सृजनात्मक कार्य किये हैं, जो दुनिया में अन्य कहीं नहीं हुए. उन्होंने उल्लेखित किया कि 2003 के बाद ऐसा करना आसान हुआ है, जब से राज्यों का राजस्व अधिक तेजी से बढ़ा, जो अब भी जारी है. राज्य सरकारों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे आने लगे हैं. भारत की केंद्रीय राजसत्ता का विकेंद्रीकरण हुआ है.