कागज पर गलत सैलरी दिखा करते टैक्स चोरी

कागज पर गलत सैलरी दिखा करते टैक्स चोरी- हाल में पार्थ आश्रम कोचिंग संस्थान पर हुई छापेमारी में कई बातें आयी सामने- इस तरह की गड़बड़ी कई बड़े कोचिंग संस्थान और निजी स्कूल वाले करते – आयकर विभाग इस तरह के हेरफेर करने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी मेंसंवाददाता, पटनाशहर में कई बड़े कोचिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 11:07 PM

कागज पर गलत सैलरी दिखा करते टैक्स चोरी- हाल में पार्थ आश्रम कोचिंग संस्थान पर हुई छापेमारी में कई बातें आयी सामने- इस तरह की गड़बड़ी कई बड़े कोचिंग संस्थान और निजी स्कूल वाले करते – आयकर विभाग इस तरह के हेरफेर करने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी मेंसंवाददाता, पटनाशहर में कई बड़े कोचिंग संस्थान कागज पर शिक्षकों की जो सैलरी दिखाते हैं, हकीकत में इन शिक्षकों की सैलरी कहीं ज्यादा होती है. शिक्षकों के अलावा अन्य स्टॉफ की सैलरी देने में भी इस तरह की गड़बड़ी बड़े स्तर पर की जाती है. कागज पर इस हेराफेरी का एकमात्र मकसद टैक्स की चोरी करना है. कम आमदनी के आधार पर कम खर्च दिखाकर आयकर चोरी करने का यह खेल काफी बड़े स्तर पर होता है. हाल में शहर के पार्थ आश्रम कोचिंग सेंटर में आयकर विभाग ने टीडीएस में गड़बड़ी करने से संबंधित छापेमारी की. इसमें इस तरह की कई गड़बड़ी बड़े स्तर पर मिली है. इस तरह की कई गड़बड़ियां शहर के अन्य कोचिंग संस्थानों और कई बड़े निजी स्कूलों में भी काफी देखने को मिलती है. इन पर भी आयकर विभाग जल्द ही कार्रवाई करने की तैयारी में है. उधर, पार्थ आश्रम कोचिंग सेंटर के जिन शिक्षकों को कम सैलरी देने की आशंका है, उनसे भी आयकर विभाग गहन पूछताछ कर सकता है. इन शिक्षकों के बैंक खाता, सैलरी स्लीप, आयकर रिटर्न समेत अन्य तमाम दस्तावेजों की जांच हो सकती है. इन पर भी आयकर अपना शिकंजा कस सकता है. इन शिक्षकों को समन जारी कर बुलाया जा सकता है.टीडीएस में सीधी तौर पर करते गड़बड़ीपार्थ आश्रम जैसे कई बड़े कोचिंग संस्थान सीधे तौर पर टीडीएस जमा करने में गड़बड़ी करते हैं. अपने संस्थानों में छात्रों की संख्या कम दिखाने के साथ-साथ टीचिंग और नन-टीचिंग स्टॉफ की सैलरी को कम करके दिखा कर ये आयकर विभाग को कम टीडीएस जमा करते हैं. इस तरह ही कई स्तर पर सिर्फ टीडीएस जमा करने में हेरफेर करके बड़े स्तर पर आयकर चोरी करते हैं. वास्तविक आय के मुकाबले काफी कम आय दिखाकर टैक्स चोरी करके ये संस्थान ब्लैक मनी जमा करते हैं, जिसे ये कई दूसरे क्षेत्रों में निवेश करते हैं. जबकि छात्रों से निर्धारित शुल्क लेने में ये किसी तरह की कटौती नहीं करते हैं.टैक्स बचाने के लिए करते इस तरह हेराफेरीकोचिंग संस्थान टैक्स बचाने के लिए कई तरह की हेराफेरी करते हैं. कई मामलों में यह देखने को मिला कि किसी दूसरे या प्रतिद्वंदी कोचिंग संस्थानों से शिक्षकों को ज्यादा पैसे पर हाय करके लाये है, लेकिन कागज पर इनकी सैलरी पहले से भी कम या पहले जितना ही दिखा रहे हैं. इसके अलावा छात्रों से जितनी ट्यूशन फीस लेते हैं, उससे कम की रसीद उन्हें देते हैं. कई छात्रों को ड्यूप्लीकेट रसीद देकर आयकर से बचने की जुगत लगाते हैं. इसके लिए कोचिंग वाले दो-तीन तरह के रसीद छपवा कर रखते हैं. आयकर वालों को दिखाने के लिए दूसरे तरह की रसीद बुक छपवा कर रखते हैं. इस तरह की गड़बड़ी कई बड़े स्कूलों में भी काफी देखने को मिलती है. ये भी आयकर की रडार पर हैं.

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