गांव के स्कील को डेवलप करेगा सीआइएमपी
गांव के स्कील को डेवलप करेगा सीआइएमपीमधेपुरा के गांव को लिया गोदयुवकों को दी जायेगी ट्रेनिंग सुजीत कुमार पटनाचंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट गांव के युवकों को पहचान कर के उनके स्कील को डेवलप करेगा ताकि आने वाले वक्त के जरूरत के मुताबिक वह रोजगार पाने में सक्षम हो सके. यह जानकारी संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर […]
गांव के स्कील को डेवलप करेगा सीआइएमपीमधेपुरा के गांव को लिया गोदयुवकों को दी जायेगी ट्रेनिंग सुजीत कुमार पटनाचंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट गांव के युवकों को पहचान कर के उनके स्कील को डेवलप करेगा ताकि आने वाले वक्त के जरूरत के मुताबिक वह रोजगार पाने में सक्षम हो सके. यह जानकारी संस्थान के डायरेक्टर प्रोफेसर वी.मुकुंद दास ने दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए मधेपुरा जिले के एक गांव बरदाहा को संस्थान ने गोद लिया है. इसमें युवकों के स्कील डेवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी.अगले माह से होगा कामप्रोफेसर दास ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए मधेपुरा के बरदाहा गांव को इसलिए चुना गया है कि मधेपुरा बिहार के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है और यहां की ज्यादातर आबादी एससी और ओबीसी तबके से आती है. सीआइएमपी की एक टीम इस गांव का दौरा कर के आ चुकी है और अगले माह से सर्वे का काम शुरू हो जायेगा और जनवरी माह में पूरा कर लिया जायेगा. इस पूरे कवायद में इस बात पर जोर होगा कि इन क्लास के बच्चों की क्षमता क्या है और वह क्या कर सकते हैं? सोशियो और इकोनोमिक बैकग्राउंड पर उनकी पहचान की जायेगी. सर्वे के बाद इन युवकों को इस कदर तैयार किया जायेगा कि अगर किसी युवक के पास कुछ नहीं है तो अपने गुण के अनुसार काम कर सके.बैच बना कर दिया जायेगा प्रशिक्षणप्रोफेसर दास ने आगे बताते हुए कहा कि सर्वे में पहले बैच के लिए करीब 30 बच्चों की पहचान की जायेगी और इन सभी को स्कील डेवलपमेंट के साथ दूसरे एक्सपेक्ट की भी जानकारी दी जायेगी. इन सभी को ट्रेंड करने के लिए सीआइएमपी के साथ आउटसोर्स ट्रेनिंग पार्टनर होंगे. इन युवकों को हॉस्टपीटिलिटी और रिटेल ट्रेड में ट्रेनिंग दी जायेगी साथ ही इनका प्लेसमेंट भी होगा.- यह हमारा पायलट प्रोजेक्ट है. इसके बाद दूसरे गांवाें को भी गोद लिया जायेगा. हमारी कोशिश गांव की प्रतिभा को बाहर निकालने के साथ उनको रोजगार के लिए तैयार कराना है.प्रोफेसर वी मुकुंद दास, निदेशक, सीआइएमपी