तिलकुट की सौंधी खुशबू खीचे अपनी ओर

तिलकुट की सौंधी खुशबू खीचे अपनी ओरठंड का मौसम आते ही सजने लगा तिलकुट का बाजारलाइफ रिपोर्टर पटनाठंड का मौसम आते ही बाजार में तिलकुट की सौंधी-सौंधी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींचने लगती है. तिलकुट का नाम सुनते ही मकर संक्रांति का ख्याल आने लगता है, जब तिलकुट, तिल, लाई लठ्ठा, बेदाम पट्टी आदि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2015 7:30 PM

तिलकुट की सौंधी खुशबू खीचे अपनी ओरठंड का मौसम आते ही सजने लगा तिलकुट का बाजारलाइफ रिपोर्टर पटनाठंड का मौसम आते ही बाजार में तिलकुट की सौंधी-सौंधी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींचने लगती है. तिलकुट का नाम सुनते ही मकर संक्रांति का ख्याल आने लगता है, जब तिलकुट, तिल, लाई लठ्ठा, बेदाम पट्टी आदि एक ही साथ खाने का मजा लिया जाता है. तिलकुट का मजा चखने के लिए एक साल तक का इंतजार भी करना पड़ता है. तिलकुट का जिक्र करते ही गुड़ का तिलकुट खाने का मन हाेता है. तिलकुट प्रेमियों के लिए तिलकुट का बाजार सज कर तैयार हो गया. चीनी से ज्यादा गुड़ की तिलकुट का काफी क्रेज है. गुड़ का तिलकुट लोगों को काफी पसंद भी आता है. ऐसे बनाते हैं तिलकुट गुड़ का तिलकुट- गुड़ का तिलकुट बनाने के लिए बड़े से टैंक में पहले गुड़ का चाशनी तैयार किया जाता है. चाशनी तैयार करने से गुड़ के अंदर की मिट्टी बैठ जाती है. उसके बाद तिल को हल्की आग में भूंजा जाता है. हल्का भूंजने के बाद गुड़ के साथ मिक्स कर दिया जाता है. उसके बाद तिलकुट के विभिन्न आकार दिये जाते है. ड्राइ फ्रूट तिलकुट- गुड़ और तिल को काफी अच्छे तरह से मिक्स करने के बाद गोल ढांचा बनाया जाता है. उसमें काजू, पिस्ता बैदाम, अखरोट, केसर, इलाइची को छोटे-छोटे पीस में काटकर भर दिया जाता है. बेदाम पट्टी- बेदाम को अच्छे तरह से भुंजने के बाद, गुड़ का चासनी बना कर उसमें मिक्स करके पसा दिया जाता है. वही छोटे-छोटे टुकड़ों में कटिंग किया जाता है. खोआ की तिलकुट- खोआ काे भूंजने के बाद, तिल के साथ मिक्स किया जाता है. गुड़ की चासनी में खोआ और तिल को मिला कर मिक्स करके सुंदर आकार दी जाती है. कितना समय लगता हैतिलकुट कारीगरों का कहना है कि दिसंबर से फरवरी तक के महीने में काफी जोरों से तिलकुट की खरीदारी की जाती है. दिन रात एक करके काम करना पड़ता है. वही गुड़ की चासनी बनाने में समय लगता है. तिल को अच्छे से धो के सूखा कर तब भुंजा जाता है. पांच किलो तिलकुट बनाने में तीन घंटा लगता है वही एक किलो तिल की पट्टी बनाने में तीन घंटा लगता है. तिलकुट की एडवांस बुकिंग बोरिंग राेड हरिहर चैंबर के जगदंबा तिलकुट सम्राट शॉप में तिलकुट की एडवांस बुकिंग हो रही है. डॉयबिटिज के लाेग या फिर कम मीठा पसंद करने वाले लोग तिलकुट के लिए ऑर्डर दे रहे है. अपनी पसंद के हिसाब से कम मीठा वाली तिलकुट बनवा रहे है. वही ड्राई फूट्स के पसंदीदा लोग अपनी पसंद के हिसाब से ड्राइ फूट्स डलवाते है. इतने प्रकार के तिलकुटगुड़ का तिलकुट- 240-300 रुपये किलो चीनी का तिलकुट- 240-300 रुपये किलो खोआ का तिलकुट- 360 रुपये किलो ड्राइ फ्रूट्स का तिलकुट- 600 रुपये किलो सफेद तिल का पट्टी – 250 रुपये किलो काला तिल का पट्टी- 300 रुपये किलो काला तिल का लड्डू – 350 रुपये किलो लठ्ठा – 100 रुपये किलो शौकीन कह रहे हैंकरीब 25 सालों से बोरिंग रोड, हरिहर चैंबर के पास दुकान खोल रहा हूं. इतने सालों में तिलकुट में काफी बदलाव अाया. दिसंबर से फरवरी तक का दुकान लगाया जाता है. इस दौरान काफी बिक्री होती है. हेल्पर के तौर पर 12 लाेगों को रखा हूं. सभी लोगों में काम बांट दिया जाता है. मकर संक्रांति पर ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती है. करीब 25 सालों में बहुत से ग्राहक पहचान के बन गये है जो कि हमारे शॉप से ही खरीदारी करते है. विनय भूषण गुप्ता, तिलकुट विक्रेतामुझे तिलकुट और लठ्ठा बेहद पसंद है. खास कर गुड़ का तिलकुट है. मुझे सालों भर मिले तो सालों भर खा सकता हूं. गुड़ का तिलकुट काफी खास्ता और हल्का होता है. वही लठ्ठा का टेस्ट काफी अच्छा लगता है. ठंड के मौसम में हर साल बड़ी बेसब्री से तिलकुट का इंतजार करता हूं. सौरभ, पुनाईचक मुझे तिलकुट बहुत अच्छा लगता है. लेकिन डायबीटिज होने के कारण डॉयबीटिज मीठा कम खाने को सलाह दी गयी है. इस कारण मैं तिलकुट वाले से ऑर्डर पर कम मीठा में बनवाती हूं. पहले तो मुझे बुरा लगता था कि तिलकुट नहीं खा पाती हूं. लेकिन कम मीठा वाला तिलकुट खा लेती हूं. सविता, दानापुर

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