विश्वासघात: 25 लाख देख स्टाफ की नीयत डोली, लेकर भागा

पटना : 25 लाख देख प्लाइवुड व्यवसायी प्रवीण अग्रवाल कदमकुआं) के स्टाफ प्रियरंजन की नीयत खराब हो गयी और पैसे लेकर फरार हो गया. वह मुजफ्फरपुर के सकरा झिटकाही स्थित गांव पहुंचा और अपने सारे पैसे गांव में अपनी प्रेमिका को सौंप दिया. यह घटना मंगलवार की है और जानकारी मिलते ही व्यवसायी ने गांधी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 2:05 AM
पटना : 25 लाख देख प्लाइवुड व्यवसायी प्रवीण अग्रवाल कदमकुआं) के स्टाफ प्रियरंजन की नीयत खराब हो गयी और पैसे लेकर फरार हो गया. वह मुजफ्फरपुर के सकरा झिटकाही स्थित गांव पहुंचा और अपने सारे पैसे गांव में अपनी प्रेमिका को सौंप दिया. यह घटना मंगलवार की है और जानकारी मिलते ही व्यवसायी ने गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही एसएसपी विकास वैभव को भी जानकारी दी.

गुरुवार की देर रात प्रियरंजन को पकड़ लिया गया और सारे पैसे उसकी प्रेमिका के घर से बरामद कर लिये गये. शुक्रवार को पुलिस उसे लेकर पटना पहुंची. शनिवार को उसे जेल भेजा जायेगा. प्लाइवुड व्यवसायी की आरबीआइ के पीछे सालिमपुर अहरा इलाके में सेंचुरी प्लाइ नाम से एक दुकान है और प्रियरंजन वहीं रहता था और चार साल से नौकरी कर रहा था.

पहले विश्वास जमाया, फिर धोखा दिया
स्टाफ प्रियरंजन ने चार साल के दौरान अपने मालिक प्रवीण अग्रवाल पर अपना विश्वास जमा चुका था. इसके कारण व्यवसायी मोटी राशि भी उसे ही जमा कराने के लिए बैंक भेजने लगे थे. मंगलवार को भी उन्होंने उसे 25 लाख रुपये दिया और बताया कि उसे मुरादपुर के इलाहाबाद बैंक के खाते में जमा कर आये. लेकिन, वह पैसे लेने के बाद वहां गया ही नहीं और फिर वह आरबीआइ के पीछे दुकान में स्थित निवास स्थान में पहुंचा. इसके बाद वहां से जरूरी सामान लेने के बाद सीधे मीठापुर बस स्टैंड पहुंचा. उसके पास सारे पैसे थे और वह बस से मुजफ्फरपुर पहुंचा और अपने गांव पर था. लेकिन, उसने इस दौरान चालाकी यह की थी कि उसने सारे पैसे गांव की ही प्रेमिका को दे दिये थे, ताकि किसी को शक न हो.
कड़ाई से पूछताछ पर खुल गयी पोल
स्टाफ के गायब होने पर पुलिस के पास जब प्रवीण अग्रवाल ने शिकायत की और मामले की छानबीन होने लगी तो उसके मोबाइल टावर से पुलिस को पता चला कि वह बैंक गया ही नहीं है. उसका मोबाइल टावर आरबीआइ बैंक के पीछे, मीठापुर बस स्टैंड का मिलने लगा. इसके बाद मुजफ्फरपुर का मिला, तो पुलिस को पूरा शक हो गया कि स्टाफ ही पैसा लेकर भागा है. इसके बाद पुलिस की एक टीम बुधवार को रवाना हो गयी और काफी खोजबीन के बाद उसे किसी तरह से झांसे में लेकर गांव के हॉस्पिटल के पास बुलाया गया और पकड़ लिया गया. पहले तो उसने पुलिस से बचने के लिए कई तरह के बहाने बनाये, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की गयी, तो उसकी पोल खुल गयी. उसने बताया कि सारे पैसे प्रेमिका के घर पर हैं. इसके बाद वहां छापेमारी कर पैसे भी बरामद कर लिये गये. टाउन डीएसपी ने स्टाफ की गिरफ्तारी की पुष्टि की.

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