पहली बार किसी जानवर को दी गयी

पहली बार किसी जानवर को दी गयी दया मृत्यु इंदौर में ढाई साल से लकवे से जूझ रहा था हिमालयन भालू इंदौर. मध्यप्रदेश में पहली बार किसी जानवर को दया मृत्यु दी गयी है. इंदौर के कमला नेहरू चिड़ियाघर में 33 साल के लकवाग्रस्त हिमालयन भालू को शनिवार को मौत की नींद सुलाया गया. चिड़ियाघर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2015 9:58 PM

पहली बार किसी जानवर को दी गयी दया मृत्यु इंदौर में ढाई साल से लकवे से जूझ रहा था हिमालयन भालू इंदौर. मध्यप्रदेश में पहली बार किसी जानवर को दया मृत्यु दी गयी है. इंदौर के कमला नेहरू चिड़ियाघर में 33 साल के लकवाग्रस्त हिमालयन भालू को शनिवार को मौत की नींद सुलाया गया. चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने इस बीमार जीव को भारी मन से अंतिम विदाई दी.चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि हिमालयन भालू ‘सोनू’ को ‘दया मृत्यु’ देने की प्रक्रिया के तहत पहले उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया गया. इसके आधे घंटे बाद उसे खास दवा का इंजेक्शन लगाया गया जिससे वह हमेशा के लिए सो गया. उन्होंने बताया कि लंबे वक्त से बीमार हिमालयन भालू को ‘दया मृत्यु’ देने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने दिल्ली स्थित सेंट्रल जू अथॉरिटी और भोपाल के चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन कार्यालय की मंजूरी मांंगी थी. मंजूरी मिलने के बाद इसे मौत की नींद सुला दिया गया. मृत्यु दिये जाने से पहले उसके पिंजरे को फूलों से सजाया गया और पसंदीदा आहार परोसा गया. हिमालयन भालू की औसत उम्र 25 से 30 साल के बीच होती है. लेकिन सोनू की उम्र करीब 33 साल हो चुकी थी. सोनू पिछले ढाई साल से लकवे से जूझ रहा था. उसके एक तिहाई शरीर को लकवा मार गया था. लगातार इलाज के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था. ‘दया मृत्यु’ दिये जाने के बाद उसके शव का औपचारिक पोस्टमॉर्टम किया गया. फिर उसे दफना दिया गया.

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